अयोध्या से चली राम बरात आजमगढ़ पहुंची, फूलों की बारिश संग राम बरातियों का स्वागत, गूंजा जय श्रीराम
अयोध्या से चली राम बरात गुरुवार की रात आजमगढ़ पहुंची तो उसमें शामिल साधु-संतों के स्वागत के लिए लोग उमड़ पड़े।
आजमगढ़, जेएनएन। अयोध्या से चली राम बरात गुरुवार की रात यहां पहुंची तो उसमें शामिल साधु-संतों के स्वागत के लिए लोग उमड़ पड़े। शहर की सीमा भंवरनाथ पहुंचने पर स्वागत की तैयारी तो थी लेकिन आखिरी वक्त में तय हुआ कि पहाड़पुर तिराहे पर स्वागत किया जाएगा। पहाड़पुर तिराहे पर राम भक्तों ने पुष्पवर्षा कर बरातियों का स्वागत करने के साथ जमकर जय श्रीराम का उद्घोष किया। रथ में लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र से राम भजन के आडियो कैसेट बजाए जा रहे थे। बरात जिस रास्ते से होकर गुजर रही थी वहां आसपास के लोग ढोल-नगाड़े और श्रीराम का उद्घोष सुनकर घरों से बाहर निकल आ रहे थे। स्वागत करने वालों में रामकृष्ण मिश्रा, राधामोहन गोयल, अभिषेक जायसवाल दीनू, हरिबंश मिश्रा, संतोष गुप्ता, श्याम सोनकर, रामविलास साहू, सूरज निषाद, अरविंद मोदनवाल, उज्जवल वर्मा आदि शामिल थे।
यह नजारा कई साल बाद नगरवासियों को देखने को मिला था सो हर कोई इस पल को आंखों में कैद कर लेना चाहता था तो वहीं तमाम लोग इस पल को अपने मोबाइल में कैद करने की कोशिश में लगे रहे। बरात का विश्राम स्थल श्री अग्रसेन कन्या इंटर कालेज निर्धारित किया गया था। यहां बरात के पहुंचने पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर बरातियों का स्वागत किया और श्रीराम के जयकारे लगाए। लग रहा था कि मानो सभी लोग बरातियों के स्वागत को तैयार बैठे हों। बरातियों में किसी के हाथ में अटैची तो कोई कंधे पर बड़ा सा बैग टांगे कालेज के अंदर प्रवेश कर रहा था। वहां पहुंचने पर सबसे पहले जलपान कराया गया और उसके बाद रात में भोजन की व्यवस्था की गई थी। साधु-संतों के स्वागत-सत्कार में शुक्रवार को सुबह बरात यहां से जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी।
राम-लक्ष्मण का रथ अांबेडकर नगर में खराब
राम बरात तो जिले में पहुंच गई लेकिन राम-लक्ष्मण साथ में नहीं दिखे। भरत और शत्रुघ्न के रथ में बैठे संतों ने बताया कि भगवान राम और लक्ष्मण जिस रथ पर सवार हैं उसका क्लच प्लेट अंबेडकर नगर के आलापुर थाना क्षेत्र के नेउरी टोल प्लाजा के पास खराब हो गया। उसकी मरम्मत का प्रयास चल रहा था। वहीं अतरौलिया प्रतिनिधि ने बताया कि खराबी दूर न होने के कारण टोचन कर रथ को आजमगढ़ भेजने की व्यवस्था की जा रही थी।
...तो इसलिए नहीं हुआ माल्यार्पण
राम बरातियों का शहर की सीमा पर माल्यार्पण कर स्वागत करने की योजना थी लेकिन ऐन मौके पर माल्यार्पण का कार्यक्रम बदल दिया गया। स्वागत को खड़े लोगों ने बताया कि अगर एक भी संत छूट गया तो नाराजगी हो सकती है, इसलिए माल्यार्पण का कार्यक्रम बदलकर पुष्पवर्षा की योजना तैयार की गई। इसमें जिसके ऊपर फूल पड़ा तो पड़ा या नहीं पड़ा लेकिन नाराजगी की बात नहीं आएगी।