Raksha bandhan 2020 : पूर्वांचल में रक्षाबंधन पर्व पर भाइयों की कलाई पर सजी राखियां
भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व सावन पूर्णिमा यानि सोमवार को धूमधाम से मनाया गया।
वाराणसी, जेएनएन। भाई -बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व सावन पूर्णिमा यानि सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। सावन पूर्णिमा, सोमवार व रक्षाबंधन का यह अद्भुत संयोग है। तीन अगस्त को सुबह 8.29 बजे तक भद्रा रहेगा। ऐसे में रक्षा बंधन का मुहुर्त सुबह 8.30 बजे से रात्रि 8.21 बजे तक रहेगा। इस अवधि में ही बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर मिठाई खिलाई और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प भी लिया। भाइयों नेे भी अपनी बहन को उपहार देकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान सोमवार को त्योहार की वजह से बाजार भी गुलजार रहे।
ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार सावन पूर्णिमा पर स्नान-दान का भी विधान है। सावन का अंतिम सोमवार होने से रुद्राभिषेक-पूजन आदि के विधान अनुष्ठान भी पूरे किए गए। इसी दिन वैदिक ब्राह्मण श्रावणी उपाकर्म के विधान भी पूरे कर रहे हैं। हालांकि कोरोना संकट के कारण सभी अनुष्ठान घर में ही करने पड़े। दूसरी ओर रक्षा बंधन को लेकर एक दिन पूर्व रविवार से लेकर साेेेेेेमवार की शाम तक को मिठाई व राखियां खरीदने के लिए प्रमुख बाजार व दुकानों पर काफी भीड़ रही।
बाजार में सुबह से ही चहल पहल बनी रही और लोगों की भीड़ से पर्याप्त दूरी बनाते हुए बाजार भी गुलजार रहे। राखी की दुकान से लेकर मिठाइयों की दुकानों तक लोगों की भारी भीड़ लगी रही। हालांकि कारोबारियों के अनुसार बीते वर्षों की अपेक्षा इस बार कारोबार बहुुत कम होने की वजह से कारोबार अधिक प्रभावित है। दूसरी ओर इस बार कोरोना वायरस संक्रमण और चीन से खराब रिश्तों की वजह से चीन की बनी राखियां बाजार से नदारद रहीं हालांकि बीते वर्षों में बचे स्टॉक को निकालने के लिए कुछ कारोबारियों ने अपनी दुकान पर चीन की बनी राखियों को दुकान में बिक्री के लिए रखा। लोगाेें का रुझान परंपरागत राखियों की ओर ही अधिक रहा।