कलाई सजाएंगी और पर्यावरण भी बचाएंगी आर्गेनिक राखी, बहन का दिया तोहफा याद रहेगा भाइयों को

इस बार एक ऐसी राखी बाजार में आई है जो पहले कलाई सजाएगी और फिर पर्यावरण को संभालेगी। इसे आर्गेनिक राखी कहा जाता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 07:20 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 05:23 PM (IST)
कलाई सजाएंगी और पर्यावरण भी बचाएंगी आर्गेनिक राखी, बहन का दिया तोहफा याद रहेगा भाइयों को
कलाई सजाएंगी और पर्यावरण भी बचाएंगी आर्गेनिक राखी, बहन का दिया तोहफा याद रहेगा भाइयों को

वाराणसी [वंदना सिंह]। भाई की कलाई को अपने स्नेह के धागों से सजाने के लिए हर वर्ष बहनें सुंदर राखियां दुकानों पर तलाशती नजर आती हैं। इस बार कोरोना का संकट है मगर राखी की खरीदारी केा लेकर बाजार में तरह तरह के आप्शन नजर आने लगे हैं। वही इस बार एक ऐसी राखी बाजार में आई है जो पहले कलाई सजाएगी और फिर पर्यावरण को संभालेगी। इसे आर्गेनिक राखी कहा जाता है। इसके साथ ही राखी की परंपरागत डिजाइनों ने आज भी अपना जादू कायम रखा है। कोरोना के कारण दुकानदार होम डिलीवरी भी कर रहे हैं और आर्डर वास्टएप पर ले रहे हैं।  आर्गेनिक राखियों के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

आर्गेनिक राखी वर्षोा तक भाई बहन के रिश्ते की याद दिलाता रहेगा

कागज से बनी आकर्षक डिजाइन वाली इस राखी का पूरा एक पैकेज बाजार में है। इसमें एक राखी है जिसके अंदर बीज होता है। एक जूट का बैग है जो गमले का काम करेगा। खाद की गोलियां हैं। भाई के लिए एक सुंदर कार्ड है जिसमें संदेश होगा। रोली, चावल की डिबिया। यानी पूरा थाल। इस पैकेज में पांच तरह के बीज हैं जिसमें टमाटर, तुलसी, मेरीगोल्ड, कॉसमस, बालसम शामिल हैं। जिसे जो पसंद होता है वही बीज वाला राखी पैकेज ले रहा है। इस खाद को एक बर्तन में डालकर उसमें पानी डालने पर वह फूल जाता है फिर जूट के बैग में खाद को रखते हैं और आधा भरने पर राखी को डाल देते हैं जिसके अंदर बीज होता है। फिर ऊपर से और खाद डाल दिया जाता है। लगभग दस से पंद्रह दिन में इसमें पौधा नजर आने लगता है जब यह जड़ जमाने लगे तो इसे बड़े गमले में जूट के बैग सहित रख दिया जाता है। इस तरह पर्यावरण का संदेश देता है आर्गेनिक राखी सालों भाई बहन के रिश्ते की याद दिलाता रहेगा।

ऑनलाइन भी हो रही है बुकिंग

इस बार आर्गेनिक राखी की सर्वाधिक डिमांड है। पूरा पैकेज और वह भी कई सालों तक यह यादगार रहेगा। इसकी कीमत 399 रुपये है, देश में कहीं भी होम डिलीवरी की सुविधा भी हम लोग कर हैं। बनारस से बाहर भेजने के लिए 50 रुपये कोरियर चार्ज लेते हैं।  इसकी आनलाइन बुङ्क्षकग भी हो रही है और बहनें आकर भी बुक करा रही हैं जिनके भाई दूसरे शहर में हैं। इसके अलावा कस्टमाइज उपहार जिसमें राखी, ड्राईफ्रूट, रोली,चावल, चॉकलेट आदि का भी पैकेट है। लकड़ी के कटस वाली राखियां भी हैं जिसमें स्लोगन लिखे होते हैंं।

-संजीव खेमका, राखी व उपहार आइटम विक्रेता।

वाटसएप पर ग्राहकों को राखियों की डिजाइन भेज देते हैं फिर होम डिलीवरी

दुकान खोलने के लिए दायां बांया सिस्टम होने से बिक्री बाधित हो रही है। हालांकि हम लोगों ने ऑनलाइन आर्डर लेना शुरू कर दिया है। वाटसएप पर ग्राहकों को राखियों की डिजाइन भेज देते हैं उसी पर आर्डर मिलता और होम डिलीवरी करा देते हैं। इससे ग्राहकों को भी बिना बाहर निकले उनके पसंद की राखी मिल जा रही है। परंपरागत राखियां आज भी पहली पसंद में है जिसमें बूटी छकलिया की काफी डिमांड है। वहीं ब्रेसलेट राखी खूब पसंद की जा रही है। चाइना के सामानों का बहिष्कार होने से इस बार भारत के कारीगरों को अपनी कारीगरी दिखाने का मौका भी मिला है। एक से बढ़कर एक राखी की डिजाइन बाजार में है। हालांकि कोरोना के कारण बिक्री पर असर पड़ा है। ट्रांस पोर्ट खुले होने से बाहर से माल आ चुके हैं इसलिए भरपूर स्टाक उपलब्ध है। पेयर राखी जिसमें भाई और भाभी के राखी का जोड़ा होता है वह अब फैशन का पर्याय बन चुका है इसलिए इसकी खूब बिक्री होती है। इस बार भी यह छाया हुआ है। मोतियों, जरी, रेशम की राखियों को लोग आज भी पसंद करते हैं। डिजाइनर राखियां 15 रुपये से लेकर दो ढाई सौ तक मिल रही हैं। वहीं राखी थाल का पैकेज जिसकी आकर्षक डिजाइन होती है उसकी सजावट की तैयारी जोर शोर से हो रही है। इसकी कीमत 150 रुपये से शुरू होती है जो डिजाइन के हिसाब से बढ़ती है। इसमें राखी, रोली, चावल सब कुछ होता है।

-रवि के दास, राखी व्यापारी, नारियल बाजार।

chat bot
आपका साथी