जौनपुर में सिंगरामऊ रिसासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह का हृदय गति रुकने से निधन

सिंगरामऊ रियासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह (95) का हृदय गति रुक जाने से बुधवार को निधन हो गया। शोक में शिक्षण संस्थान बाजार व दुकानें बंद रहीं। सिंगरामऊ रियासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह का बुधवार की सुबह उनके आवास श्रीनिवास पर ही अचानक तबीयत खराब हुई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 01:59 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 01:59 PM (IST)
जौनपुर में सिंगरामऊ रिसासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह का हृदय गति रुकने से निधन
सिंगरामऊ रियासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह (95) का हृदय गति रुक जाने से बुधवार को निधन हो गया।

जौनपुर, जेएनएन। जिले में सिंगरामऊ रियासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह (95) का हृदय गति रुक जाने से बुधवार को निधन हो गया। शोक में शिक्षण संस्थान, बाजार व दुकानें बंद रहीं। सिंगरामऊ रियासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह का बुधवार की सुबह उनके आवास श्रीनिवास पर ही अचानक तबीयत खराब हुई। उनके पुत्र कुंवर जय सिंह जयबाबा लेकर इलाज के लिए जौनपुर गए थे। अस्‍पताल में पहुंचने के बाद इलाज शुरू किया लेकिन इलाज के दौरान ही उनकी सांसें थम गईं। क्षेत्र में वह सामाजिक तौर पर काफी सक्रिय थीं और जौनपुर जिले में आजादी के बाद रियासतों के खत्‍म होने के बाद भी इस परिवार का काफी मान सम्‍मान रहा ह  

राजमाता के बड़े पुत्र कुंवर विजय सिंह, कुंवर जय सिंह, कुंवर मृगेंद्र सिंह द्वारा वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। निधन की खबर सुनकर उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। सपा के पूर्व विधायक ओम प्रकाश बाबा दुबे, बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष चंचल सिंह, भाजपा नेता विवेक सिंह राजा, पूर्व प्रमुख ओमप्रकाश सिंह, सहित क्षेत्रवासियों ने श्रद्धांजलि दी। वहीं उनके निधन की जानकारी होने के बाद लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। 

राजमाता के निधन का समाचार सुनकर क्षेत्र के प्रमुख शिक्षण संस्थान राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय, राजा हरपाल सिंह इंटर कॉलेज, मेजर अमर बहादुर सरस्वती सिंह गर्ल्स इंटर कॉलेज सहित सिंगरामऊ कस्बे के सभी प्रतिष्ठान शोक में बंद रहे। कई जगहों पर शोक सभा भी आयोजित की गई। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार रियासत की राजमाता सुशोभित चपला सिंह का बुधवार की सुबह उनके आवास श्रीनिवास पर ही अचानक तबीयत खराब हुई तो उनके पुत्र आनन फानन उनको लेकर जौनपुर शहर के अस्‍पताल की ओर गए लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। उनके निधन के बाद परिजन शव को लेकर वाराणसी हरिश्‍चंद्र घाट गए जहां पर अंतिम संस्‍कार किया गया। इस दौरान पारिवारिक लोगों के साथ अन्‍य गणमान्‍य लोग भी मौजूद रहे।

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