पूर्वांचल में बारिश ने दी नदियों के तटवर्ती इलाकों में दुश्वारी, बाढ़ के बाद संक्रामक रोगों का प्रसार
जलभराव का दौर और जमे पानी के सड़ने से संक्रामक रोगों से प्रसार शुरु हो गया है। इसकी वजह से कई गांवों में डायरिया के रोगियों की संख्या भी बढ़ी है निचले इलाकों में जमे बाढ़ के पानी से डेंगू और मलेरिया की शिकायतों में भी इजाफा होना तय है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में सरयू नदी के जलस्तर में मामूली उतार चढ़ाव का दौर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता का माहौल है। शेष अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर या तो स्थिर है या तो घटाव की ओर है। हालांकि दो दिनों से जारी बरसात की वजह से तटवर्ती इलाकाें में निचले इलाकों में जलभराव दोबारा हो गया है। नमी के साथ ही जलभराव का दौर और जमे पानी के सड़ने से संक्रामक रोगों के प्रसार का भी दौर शुरू हो गया है। इसकी वजह से कई गांवों में डायरिया के रोगियों की संख्या भी बढ़ी है, वहीं निचले इलाकों में जमे बाढ के पानी से मच्छरों के पनपने से अब डेंगू और मलेरिया की शिकायतों में भी इजाफा होना तय है।
मंगलवार की सुबह केंद्रीय जल अायोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूर्वांचल में गंगा नदी का जलस्तर मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिले में स्थिर बना हुआ है, वहीं सरयू नदी का जलस्तर बलिया के तुर्तीपार में 62.95 मीटर दर्ज किया गया जो बीते चौबीस घंटों में 0.04 मीटर कम है । जबकि जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर जहां स्थिर है वहीं सोनभद्र में रिहंद बांध का जलस्तर बढ़ रहा है और सोन नदी संग बाण सागर बांध का जलस्तर स्थिर है। वहीं जल अायोग के अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में नदियाें का जलस्तर घटाव की ओर होंगा।