जल संरक्षण अभियान : बलिया जिले में प्राइवेट बिल्डरों के प्रचलन में नहीं है रेन वाटर हार्वेेस्टिंग

जल ही जीवन है। यह बहुत अनमोल है। इस अनमोल चीज की कद्र भी जरूरी है। पानी हमेशा मिलता रहे इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग बहुत जरूरी है। जिले में ऊंची इमारतें दिखाई देती हैं लेकिन इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रचलन नहीं है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:50 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:50 AM (IST)
जल संरक्षण अभियान : बलिया जिले में प्राइवेट बिल्डरों के प्रचलन में नहीं है रेन वाटर हार्वेेस्टिंग
ऊंची इमारतें दिखाई देती हैं लेकिन इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रचलन नहीं है।

बलिया, जेएनएन। जल ही जीवन है। यह बहुत अनमोल है। इस अनमोल चीज की कद्र भी जरूरी है। पानी हमेशा मिलता रहे, इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग बहुत जरूरी है। जिले में ऊंची इमारतें दिखाई देती हैं लेकिन इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रचलन नहीं है। इसके लिए किसी स्तर से पहल भी नहीं की गई। सरकारी मशीनरी भी इसके लिए सार्थक पहल नहीं करती है। बिल्डर बिल्डिंग बना कर सौंप देते हैं। सपना तो बहुत कुछ का दिखाते हैं लेकिन वह नाली व सड़क तक नहीं बना कर देते हैं। इससे मकान मालिक नाली व सड़क की समस्या से जूझता रहता है। ऐसा नहीं है कि लोगों को अगर जागरूक किया जाए तो वह बना नहीं सकते हैं। बस उन्हें इसके महत्व को समझने की जरूरत है। शहर के अंदर कई ऊंची बिल्डिंग बनाई गईं हैं। इनका बरसात का पानी सीधे नाले या सड़क पर गिरता है। यही हाल गाड़ी की एजेंसी, प्राइवेट स्कूल व औद्योगिक क्षेत्रों में भी हैं। किसी ने इसके प्रति अभी तक रूचि नहीं दिखाई है।

सोख्ता बनाने का बढ़ा है प्रचलन

रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम लगाने में लोग रूचि नहीं दिखाते हैं। इधर बीच लोगों के अंदर भवनों के पास सोख्ता बनवाने का प्रचलन बढ़ा है। इसके लिए वह अपने घर के उपयोग होने वाले पानी की पाइप को ले जाकर जोड़ देते हैं। वहीं बरसात के पानी के लिए अलग से पाइप निकाल कर बाहर कर देते हैं। इसके चलते जलभराव की समस्या हमेशा बनी रहती है।

बाेरिंग के माध्यम से नीचे जाता पानी

शहर के जिन भवनों के इर्द-गिर्द सोख्ता बनवाने की जगह नहीं होने पर बाेरिंग कराकर पाइप से घर के अंदर उपयोग में आने वाले पानी को भेज देते हैं। इसके माध्यम से भूमि के अंदर गंदा पानी भी चला जाता है। इसका भी उपयोग वर्तमान समय में ज्यादा हो रहा है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग का फायदा

-वर्तमान समय में भू-जल के दोहन से पानी का स्तर नीचे जा रहा है। इससे पेयजल की किल्लत होने लगी है।

-बारिश का पानी यूूं ही बहकर बर्बाद हो जाता है जबकि उसे बचाकर साल भर इस्तेमाल किया जा सकता है।

-इससे पेड़-पौधों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी।

-बड़े शहरों में पानी की समस्या में इससे बहुत हद तक कमी देखी सकती है।

-इससे सप्लाई वाटर या अंडरग्राउंड वाटर का इस्तेमाल कम होगा और उसकी बचत होगी।

लागू होते यह नियम

-300 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल में बने निजी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य।

-ऐसे भवनों को चिह्नित कर स्वामी को दिया जाए नोटिस।

-रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बगैर नक्शा न हो पास।

बोले जिम्‍मेदार

भवनों का नक्शा पास करते समय बिल्डरों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके बाद भी नहीं बनवाने वालों को नोटिस दी जा रही है। यह हर बिल्डिंगों में बनवाना अनिवार्य है। -नागेंद्र सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट।

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