कृषकों से अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा रेलवे, किसान रेल से उत्पाद का निर्यात करेंगे तो किफायती होगा सौदा

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पूरी तरह से साकार करने में रेल महकमा जुट गया है। किसान रेल सेवा को सस्ती व सुविधाजनक बनाने की तैयारी कर रहा है। योजना के तहत रेलवे परिसर में सामान रखने का कोई भी वारफेज शुल्क किसानों से नहीं वसूला जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:40 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:40 PM (IST)
कृषकों से अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा रेलवे, किसान रेल से उत्पाद का निर्यात करेंगे तो किफायती होगा सौदा
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पूरी तरह से साकार करने में रेल महकमा जुट गया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पूरी तरह से साकार करने में रेल महकमा जुट गया है। किसानों के लिए संचालित किसान रेल सेवा को सस्ती व सुविधाजनक बनाने की तैयारी कर रहा है। योजना के तहत रेलवे परिसर में सामान रखने का कोई भी वारफेज शुल्क किसानों से नहीं वसूला जाएगा। ट्रेन के प्रस्थान होने तक वह रेलवे के अस्थाई गोदामों में अनाज आदि वस्तुएं निश्शुल्क रूप से रख सकते हैं। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की ही होगी।

रेलवे प्रशासन की ओर से किसान रेल के उपभोक्ताओं को यह छूट प्रदान की जा रही है। फलस्वरूप, यह सेवा किसानों के हित में और भी किफायती साबित होगी। कोविड-19 के शिकार देश के अन्नदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 'किसान रेल चलाने की घोषणा की। पहले चरण में दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के किसानों को इस नई सेवा का सीधा फायदा पहुंचा।

सड़क मार्ग की तुलना में 60 फीसदी सस्ती रेल यातायात ने अन्नदाताओं का बोझ काफी हल्का किया। पेरिशेबल सामग्री (सब्जी, फल, अनाज) को प्राथमिकता के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा है ताकि ताजी सब्जियां, फल और अनाज खराब न हो सके। किसान रेल को दूसरी मालगाडिय़ों से पहले तहरीज दी जा रही है।

क्या है वारफेज शुल्क

रेलवे फ्रेट नियमावली के तहत परिसर में निर्धारित समय के बाद माल रखने का वारफेज शुल्क (किराया) व्यापारियों से प्रति घंटे के हिसाब से लिया जाता है। ट्रेन जाने से पहले यदि माल रखने के लिए परिसर का उपयोग किया तो यह शुल्क चुकाना पड़ेगा। माल अनलोड होने के बाद भी यह नियम लागू है। 150 रुपये प्रति वैगन की दर से यह किराया लिया जाता है लेकिन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'किसान रेलÓ के उपभोक्ताओं को इस वारफेज में पूरी छूट दी जा रही है। किसानों को माल भेजे जाने तक परिसर में अनाज व सब्जियां रखने की छूट प्रदान की जा रही है। उन्हेंं कोई अतिरिक्त शुल्क चुकाना नहीं पड़ेगा।

पूर्वांचल के अन्नदाताओं को लाभ

पूर्वांचल में उत्पादित सब्जी, फल और अनाज बड़ी तादात में कोलकाता व महाराष्ट्र, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में सड़क मार्ग से भेजे जाते हैं। चंदौली में पैदा होने वाले काले चावल की मांग भी बढ़ी है। इन राज्यों की दूरी तय करने में माल खराब होने की चिंता बनी रहती है, वही सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टेशन का भाड़ा व्यापारियों का बजट बिगाड़ रहा है। पूर्वांचल के लिए किसान रेल बेहतर यातायात साधन साबित हो सकता है। माल रखने के लिए वाराणसी में शिवपुर, चौखंडी और व्यासनगर स्टेशन पर अस्थाई गोदाम भी उपलब्ध है।

किसान रेल अन्नदाताओं के लिए किफायती सौदा है। उन्हेंं वारफेज शुल्क से मुक्त रखा गया है। सिर्फ उन्हेंं रेल परिसर का उपयोग करने से पहले स्टैकिंग परमिशन लेना होगा।

- अजित कुमार सिन्हा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (फ्रेट)

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