जीपीएस से लैस हुए रेलवे के पेट्रोलमैन, सर्दियों में पटरी चटकते ही फौरन मिल रही जानकारी

सर्द मौसम में रेल पटरी चटकने जैसी स्वभाविक घटना को रोकने के लिए तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत उत्तर रेलवे प्रशासन ने पटरी की दिन-रात पेट्रोलिंग करने वाले पेट्रोलमैन को जीपीएस (ग्लोबल प्रोसेसिंग सिस्टम) से लैस कर दिया है।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 08:50 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 11:01 AM (IST)
जीपीएस से लैस हुए रेलवे के पेट्रोलमैन, सर्दियों में पटरी चटकते ही फौरन मिल रही जानकारी
सर्द मौसम में रेल पटरी चटकने जैसी स्वभाविक घटना को रोकने के लिए तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है।

वाराणसी [अनूप अग्रहरि] । सर्द मौसम में रेल पटरी चटकने जैसी स्वभाविक घटना को रोकने के लिए तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत उत्तर रेलवे प्रशासन ने पटरी की दिन-रात पेट्रोलिंग करने वाले पेट्रोलमैन को जीपीएस (ग्लोबल प्रोसेसिंग सिस्टम) से लैस कर दिया है। परिणामस्वरूप, पेट्रोलिंग में लापरवाही पूरी तरह से बंद हो जाएगी। दफ्तर में बैठे अधिकारी आसानी से पेट्रोलमैन की हर गतिविधियों को ट्रैक कर सकेंगे। लखनऊ और वाराणसी कंट्रोल रूम से भी कर्मचारियों की निगरानी होगी।

रेलवे महकमा हुआ अलर्ट

सर्द मौसम में रेल लाइन सिकुडऩे व फ्रेक्चर होने की आशंकाओं को लेकर रेलवे महकमा अलर्ट हो गया है। रेलवे ने पटरी के निरीक्षण के लिए पेट्रोलमैन तैनात कर दिए हैं। बकायदा इनको पेट्रोलिंग का प्रशिक्षण कराया गया है। रोजाना सुबह से शाम तक पेट्रोलमैन रेल लाइनों का भ्रमण कर निगरानी रखेंगे और पटरी में फ्रेक्चर मिलने पर कंट्रोल रूम को सूचित किया जाएगा।

सर्दी और गर्मी में चटकती है पटरी

रेल विशेषज्ञ की माने तो सर्दियों में रेल लाइन सिकुडऩे लगती हैं। वहीं, गर्मी में यह फैलती है। कई बार पटरियों से अधिक सिकुडऩे और फैलने से फ्रेक्चर तक आ जाता है। जिससे रेल दुर्घटना होने का खतरा रहता है। इन आशंकाओं के मद्?देनजर मुख्यालय स्तर पर रेल लाइनों में निरंतर पेट्रोलिंग कर निगरानी रखने के आदेश दिए हैं। पेट्रोलमैनों को प्रशिक्षण देकर संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसे भी सिखाया गया है। जिससे पेट्रोलिंग के दौरान पेट्रोल मैन अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी तरह से कर सकें।

पेट्रोलमैनों को जीपीएस भी दिया गया है

पेट्रोलमैनों को जीपीएस भी दिया गया है। जिससे गश्त के दौरान उनकी लोकेशन नियंत्रण कक्ष को मिलती रही और कोई सूचना आने पर स्थान का तुरंत पता लगाया जा सके।

-पीयूष पाठक, एईएन वाराणसी।

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