वाराणसी में कोरोना काल में मरीजों से अधिक उगाही पर शहर के कई नर्सिंग होम में छापेमारी, प्रवर्तन दल ने जब्त किए दस्तावेज

कोरोना काल में मजबूरी का लाभ उठाते हुए मरीजों से बहुत अधिक धन उगाही करने वाले नर्सिंगहोम पर प्रशासन का डंडा मंगलवार को भी चला। प्रवर्तन दल ने शिवपुर बाईपास स्थित नोवा हास्पिटल भोजूबीर स्थित आलोक अस्पताल एवं मंडुआडीह स्थित पापुलर नर्सिंग होम में छापेमारी की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:31 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 01:17 AM (IST)
वाराणसी में कोरोना काल में मरीजों से अधिक उगाही पर शहर के कई नर्सिंग होम में छापेमारी, प्रवर्तन दल ने जब्त किए दस्तावेज
प्रवर्तन दल ने शिवपुर बाईपास स्थित नोवा हास्पिटल में छापेमारी की।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में मजबूरी का लाभ उठाते हुए मरीजों से बहुत अधिक धन उगाही करने वाले नर्सिंगहोम पर प्रशासन का डंडा मंगलवार को भी चला। प्रवर्तन दल ने शिवपुर बाईपास स्थित नोवा हास्पिटल, भोजूबीर स्थित आलोक अस्पताल एवं मंडुआडीह स्थित पापुलर नर्सिंग होम में छापेमारी की। इन अस्पतालों से मरीजों के डिस्चार्ज, उपचार बिल के साथ ही अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए। इससे पहले भी दल कई अपस्तालाें पर छापेमारी कर चुका है। इस आपदा में अवैध रूप से रेमडेसिविर इंजेक्शन स्टोर करने, कोरोना की जांच एवं इलाज में बहुत अधिक राशि लेने वालों की कुंडली तैयार की गई है।

अपर आयुक्त आयकर जीपी सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने शिवपुर बाईपास स्थित नोवा हास्पिटल, भोजूबीर स्थित आलोक अस्पताल छापेमारी की। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों के बिल व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। शिकायत मिली थी कि इन अस्पतालों द्वारा मरीजों से अधिक राशि मिली थी। वहीं एक टीम पापुलर अस्पताल में छापेमारी कर रही थी। यहां के सहायक आयुक्त, आयकर आइआरएस देवेंद्रदत्त व टीम के अन्य अधिकारी छापेमारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां भी ओवर प्राइजिंग की शिकायत मिली थी। इससे पहले पिछले माह टीम ने मकबूल आलम रोड स्थित एक क्लीनिक पर छापेमारी की थी। बताया जा रहा है कि स्वदेशी मेडिकल की ओर से टीबी रोग विशेषज्ञ डा. राशिद परजेव के यहां रेमडेसिविर की 136 डोज बेची है, जबकि उनकी क्लीनिक कोरोना अस्पताल नहीं घोषित है। बावूद इसके भारी मात्रा में रेमडेसिविर की खपत या मरीजों में लगाना कई संदेह पैदा किया है। कारण कि उस वक्त कोरोना अस्पतालों में भी एक-एक डोज के लिए मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। कई जगह तो चार हजार के इंजेक्शन को 40 हजार रुपये तक बेचने का मामला सामने आया था। खैर, ऐसे अस्पतालों एवं चिकित्सकों की कुंडली प्रवर्तन दल तैयार कर लिया है। जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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