वाराणसी में आशापुर आरओबी की गुणवत्ता की आज होगी जांच, जिलाधिकारी ने की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

प्रधानमंत्री के हाथों 15 जुलाई को आशापुर आरओबी का लोकार्पण होने के साथ आमजन को खोल दिया गया। मुख्यमंत्री ने खुद निरीक्षण करने के साथ आरओबी का काम जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। काम तो पूरा हो गया लेकिन उसके साथ भ्रष्टाचार भी सामने आने लगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:05 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:05 AM (IST)
वाराणसी में आशापुर आरओबी की गुणवत्ता की आज होगी जांच, जिलाधिकारी ने की तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
आशापुर आरओबी का लोकार्पण होने के साथ आमजन को खोल दिया गया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। आशापुर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर बार-बार गड्ढा होने, गिट्टी उखडऩे और दोनों तरफ रैंप बैठने की जांच करने मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति पहुंचेगी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपर जिलाधिकारी (नगर) गुलाब चंद्र के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति जांच गठित की है। समिति में अपर नगर मजिस्ट्रेट के साथ लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता हैं। दैनिक जागरण ने दो सितंबर के अंक में लोकार्पण के दो माह में आशापुर आरओबी की सड़क क्षतिग्रस्त खबर लिखकर मामले का उठाया था।

प्रधानमंत्री के हाथों 15 जुलाई को आशापुर आरओबी का लोकार्पण होने के साथ आमजन को खोल दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद निरीक्षण करने के साथ आरओबी का काम जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। काम तो पूरा हो गया लेकिन उसके साथ भ्रष्टाचार भी सामने आने लगी। लोकार्पण के साथ जगह-जगह सड़क बैठने लगी। दो स्थानों पर गड्ढा होने के साथ हादसे भी हुए। क्षेत्रीय लोगों ने राहगीरों को हादसे से बचाने के लिए गड्ढे में बांस-बल्ली खड़ा कर दिया। साथ ही आरओबी की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। कई बार सड़क पर गड्ढा होने, बैठने और गिट्टी उखडऩे पर जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं।

पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल ने बताया कि तीन सदस्यीय जांच समिति आज जांच करने पहुंचेगी। उधर, तिलमापुर के ग्रामप्रधान नागेश्वर मिश्र के शिकायत पर भी विभागीय जांच शुरू हो गई है। सोमवार को पहुंची टीम ने तीन स्थानों पर जेसीबी से खोदाई करने के साथ नमूने लिए। जांच समिति पहुंचने के साथ स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए और गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे। अभियंता बार-बार क्षेत्रीय लोगों को समझाते रहे लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे। सबसे बड़ी बात यह रही कि आरओबी की लंबाई 47 मीटर कम कर दी गई है जिसका जवाब विभागीय अभियंताओं के पास नहीं है।

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