सावधान : टीकाकरण प्रमाण पत्र इंटरनेट मीडिया पर डालने से हो सकता है दुरुपयोग, वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने किया आगाह

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने प्रमाण पत्र की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर शेयर न करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से ठगी का शिकार होने की आशंका रहती है। टीका करण का प्रमाण पत्र वायरल करने से यूजर ठगी के शिकार हो रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:45 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 01:17 AM (IST)
सावधान : टीकाकरण प्रमाण पत्र इंटरनेट मीडिया पर डालने से हो सकता है दुरुपयोग, वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने किया आगाह
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने प्रमाण पत्र की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर शेयर न करने की अपील की है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना टीकाकरण के बाद हर व्यक्ति का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। पहली डोज के बाद मिलने वाला प्रमाण पत्र प्राथमिक है, जबकि दूसरी के बाद लोगों को स्थायी प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। इसे बेहद जरूरी बताया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग प्रमाण पत्र का महत्व जाने बिना इसे इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इससे आल लाइन ठगी होने का खतरा है।

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने प्रमाण पत्र की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर शेयर न करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से ठगी का शिकार होने की आशंका रहती है। टीका करण का प्रमाण पत्र वायरल करने से यूजर ठगी के शिकार हो रहे हैं। अपराधी बैंक खातों में सेंधमारी कर रहे हैं। पुलिस कमिश्नर ने ट्वीट कर इस तरह की जानकारी साझा न करने की अपील की है। कहा कि अगर साइबर ठगी का शिकार हुए हैं तो www.cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं। जिले के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कुछ जिलों में पकड़े गए साइबर अपराधियों ने स्वीकार किया है कि टीकाकरण के बाद इंटरनेट मीडिया पर डाले गए प्रमाण पत्र के जरिए ही गोपनीय जानकारियां हासिल होती हैं। टीका लगवाने के बाद यह प्रमाण पत्र बेहद काम आएगा।

कोरोना से अधिक ''जानलेवा'' निजी अस्पताल का बिल

कोरोना से ज्यादा कहर लोगों पर निजी अस्पताल का बिल बरपा रहा है। निजी अस्पताल सरकार के आदेशों को उल्लंघन की खूंटी पर टांगकर मरीजों से मनमाना लूट पर अमादा हैं। निजी अस्पताल के डॉक्टरों की करतूत मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद अब बाहर आ रही है। इमरजेंसी के समय तीमारदारों की गिड़गिड़ाहट जितनी अधिक होती थी निजी अस्पतालों के डॉक्टर उतनी ही मुलायमियत से लूट का षडयंत्र रचते थे। जिनकी कहानियां अब प्रमाण सहित सुनने को मिल रहीं हैं। लोगों में चर्चा तो यहां तक है कि कोरोना महामारी के दूसरी लहर में निजी अस्पताल प्रबंधन ने अपनी आगामी कई पीढ़ियों तक कमाई कर ली है। जिसकी गवाही खुद निजी अस्पताल के बिल दे रहे हैं। जनरल सर्विस ही है असली लूट का खजानाभर्ती मरीज के बिल में निजी अस्पतालों ने जनरल सर्विस के नाम पर खूब लूटा है। इस जनरल सर्विस में मरीजों से खाना, डाइटीशियन, काउंसलर, मरीजों को नित्य क्रिया कराने के पैसे लिए गए हैं।

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