पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने दो सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को लिया गोद, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने 200 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया। इसमें आजमगढ़ के 125 और मऊ के 75 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। कुलाधिपति के दिशा-निर्देशन में विश्वविद्यालय लगातार महिलाओं के उत्थान के साथ ही सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 06:40 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 06:40 PM (IST)
पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने दो सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को लिया गोद, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने दो सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया है।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने दो सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। इसमें आजमगढ़ के 125 और मऊ के 75 केंद्र शामिल हैं। यह घोषणा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्या ने आजमगढ़ और मऊ जिले में गतदिवस आयोजित आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने की अनूठी पहल समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में किया।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय की इस पहल और नारी को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आजमगढ़ व मऊ के महाविद्यालयों के आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस मौर्या ने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय महिला अध्ययन केंद्र की ओर से महिलाओं को जागरूक करने के साथ ही गांव में चौपाल लगाकर उन्हें कुपोषण, प्लास्टिक का बहिष्कार, महिला स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां दी जाती हैं।

जिसका सीधा-सीधा लाभ महिलाओं को मिल सके। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के दिशा-निर्देशन में विश्वविद्यालय लगातार महिलाओं के उत्थान के साथ ही सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 66 क्षय रोगियों को गोद लिया था, जिसमें से 52 रोगी ठीक हो गए। विश्वविद्यालय में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें देसी गाय के गोबर की धूप बत्ती, राखी, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति, एंटी रेडिएशन चिप और मिट्टी के खिलौने बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद स्वरोजगार मेला लगाकर उसकी बिक्री भी कराई जा रही है, ताकि उनको आर्थिक मदद मिल सके। इस मौके पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, सहायक कुलसचिव बबीता सिंह, डाक्टर जाह्नवी श्रीवास्तव के साथ आजमगढ़ और मऊ के महाविद्यालयों के प्रबंधक शिक्षक और प्राचार्य उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी