प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत और उद्घाटन लिए तैयार हो रहा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

पूर्वांचल एक्सप्रेस -वे जनता को समर्पित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को कासिमाबाद आ सकते हैं। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तैयार हो रहा है। अब तक लगभग 95 फीसद काम पूरा हो चुका है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 06:30 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत और उद्घाटन लिए तैयार हो रहा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तैयार हो रहा है।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जनता को समर्पित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को कासिमाबाद आ सकते हैं। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तैयार हो रहा है। अब तक लगभग 95 फीसद काम पूरा हो चुका है। शेष पांच फीसद भी इसी महीने पूरा कर लिया जाएगा। इसका काम तेजी से चल रहा है, जिसमें सबसे तेज काम पैकेज नंबर आठ पर होने से प्रधानमंत्री के यहां आने की संभावना बढ़ गई है।

पैकेज-8 का काम करा रही यूपीडा की सहायक एजेंसी ओरिएंटल ने अपना 94 फीसद काम पूरा कर लिया है। वाया लेन पूरी तरह कंप्लीट हो गया है और दाहिना लेन 15 जुलाई तक पूरा हो जाएगा। जनपद में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 48 किलोमीटर लंबा है। किलोमीटर 324 व 330 पर छोटे पुल का काम बाकी है, जिसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। सर्विस लेन बनाने का काम तेज है। एक्सप्रेस-वे पर वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। प्रधानमंत्री के आने की संभावना को लेकर एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य रात दिन चल रहा है। आठ फरवरी को एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने व जनसभा को संबोधित करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रधानमंत्री के द्वारा सड़क के लोकार्पण की बात कही थी।

12 जून को आए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने प्रकारों की मांग पर कासिमाबाद से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एप्रोच बनाने का वादा किया था, जिसका प्रस्ताव भी शासन को भेज दिया गया है। एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद पूर्वाचल के लोगों को कम समय लखनऊ से गाजीपुर का सफर तय करेंगे और पूर्वाचल के पिछड़े क्षेत्रों में अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा। उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार के द्वारा सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, अमेठी और अयोध्या के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कम विकसित जनपदों आजमगढ, मऊ और गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक नजर में : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर स्थित ग्राम चौदसराय, जनपद लखनऊ से प्रारंभ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर स्थित ग्राम हैदरिया गाजीपुर में समाप्त होगा। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 22494.66 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 11216.10 करोड़ रुपये है। निर्माण के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को कुल 8 पैकेजों में विभक्त किया गया है। एक्सप्रेस-वे की लंबाई 340.824 किमी है। इस परियोजना से जनपद लखनऊ बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर लाभांवित होंगे। एक्सप्रेस-वे 06 लेन चौड़ा (08 लेन में विस्तारणीय) तथा संरचनाएं 08 लेन चौड़ाई की निर्माणधीन हैं। एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी, जिससे परियोजना के आसपास गांव के निवासियों को एक्सप्रेस-वे द्वारा सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो। इस एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत (मेन कैरिजवे पर) कुल 18 फ्लाई ओवर, 07 रेलवे ओवर ब्रिज, 07 दीर्घ सेतु, 118 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज (06 टोल प्लाजा सहित), 05 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण कार्य प्रगति में है। एक्सप्रेस-वे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लैंडिग/ टेक आफ के लिए जनपद सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी प्रस्तावित है।

परियोजना से लाभ: एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कारिडोर से जुड़ जाएगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेस-वे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा, एक्सप्रेस-वे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाइयों, विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कारिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेस-वे के निकट इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के लिए भी अवसर सुलभ होंगे। एक्सप्रेस-वे हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण ग्रह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से परियोजना आच्छादित क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों का सर्वांगीण एवं चहुंमुखी विकास होगा।

बोले प्रोजेक्‍ट अधिकारी: हमने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाएं लेन का काम पूरा कर लिया है। 15 जुलाई तक दाहिने लेन का काम भी पूरा हो जाएगा। दो छोटे पुलों का काम थोड़ा सा रह गया है। वह भी जल्द पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री के आने की संभावना को लेकर हम अपना काम तेजी से कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री हमारे पैकेज-8 पर ही आए हैं, और यहीं से एक्सप्रेस-वे को जनता को समर्पित करें। हम उनके स्वागत के लिए तैयार है। - वीके चौहान, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड।

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