वाराणसी में चौथे दिन बंद रही पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी, गोला दीनानाथ पर फैसला बुधवार को

कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए स्वेच्छा से व्यापारियों द्वारा की गई बंदी पूरी तरह सफल रही। मंगलवार को चौथे दिन भी विश्वेश्वरगंज स्थित पूर्वांचल की सबसे बड़ी किनारा मंडी बंद रही। यहां पर वाराणसी किराना व्यापार समिति ने 24 अप्रैल तक पूर्ण बंदी की घोषणा की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:31 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 11:06 PM (IST)
वाराणसी में चौथे दिन बंद रही पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी, गोला दीनानाथ पर फैसला बुधवार को
मंगलवार को चौथे दिन भी विश्वेश्वरगंज स्थित पूर्वांचल की सबसे बड़ी किनारा मंडी बंद रही।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए स्वेच्छा से व्यापारियों द्वारा की गई बंदी पूरी तरह सफल रही। मंगलवार को चौथे दिन भी विश्वेश्वरगंज स्थित पूर्वांचल की सबसे बड़ी किनारा मंडी बंद रही। यहां पर वाराणसी किराना व्यापार समिति ने 24 अप्रैल तक पूर्ण बंदी की घोषणा की है। वहीं गोला दीनानाथ में भी बंद चल रही है। इसके आगे की रणनीति के लिए 21 अप्रैल को सुबह 10 बजे यहां के व्यापारी बैठक करेंगे। इसमें अब तक के काेरोना के हालात की समीक्षा की जाएगी।

गोला दीनानाथ में चार दिन की बंदी की गई थी। बुधवार को बैठक के व्यापारी तय करेंगे कि आगे बंदी जारी रखनी हैं या नहीं। वहीं वाराणसी किराना व्यापार समिति के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने इस अभूतपूर्व बंदी के लिए संस्था के सभी व्यापारियों का आभार प्रगट किया। संस्था के महामंत्री अशोक कसेरा ने वैश्विक महामारी के सभी गाईड लाइन अनुकरण के लिए सभी से विनम्र अनुरोध किया है। कहा कि व्यापारियों को अपनी सुरक्षा के लिए खुद कड़े उठाने पड़ेंगे। इसी के तहत 19 से 24 अप्रैल तक विश्वेश्वरगंज किराना मंडी को पूरी तरह बंद किया गया है। वहीं गोला दीनानाथ के अध्यक्ष सीताराम केशरी एवं पूर्व चेयरमैन दुर्गा प्रसाद ने बताया कि जरूरत पड़ी तो बंदी को आगे बढ़ाया जा सकता है। कारण कि जान बची रहेगी तो आगे चलकर भी कारोबार किया जा सकता है। यहां पर पूर्वांचल के तमाम जिलों से दुकानदार आते हैं। ऐसे में अगर संक्रमण बढ़ा तो स्थिति और भयावह हो जाएगी। इस लिए कोरोना की चेन तोड़ा बहुत जरूरी है।

बाजार में मसाला एवं ड्राइ फ्रूट का स्टॉक पर्याप्त

कोरोना संक्रमण की रफ्तार के साथ काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग भी बढ़ गई है। खासकर सोंठ, दालचीनी, तुलसी पत्ती, काली मिर्च, गिलोय, चिरइता आदि की डिमांड अधिक है। हालांकि गोला दीनानाथ मंडी के चार दिनों से बंदी के कारण बिक्री पर भी असर पड़ा है। गाड़ियां भी कम ही आ रही हैं। गनीमत की बात है कि कोरोना के कारण लगनी सीजन कमजोर पड़ने से बाजार में मसालों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। इसलिए कीमत स्थिर है। पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना व मसाला मंडी विश्वेश्वरगंज व गोला दीनानाथ में है। यहीं से वाराणसी के साथ ही पूरे पूर्वांचल और बिहार के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी मसाले जाते हैं। बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि से मसाले आते भी हैं। पिछले साल भी कोरोना काल में काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की खूब बिक्री हुई थी। वहीं आयुष मंत्रालय ने भी आयुष क्वाथ पर प्रशिक्षण कराया था, जो लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हुआ। इस साल भी तमाम कंपनियां आयुष क्वाथ को मार्केट में लेकर आईं हैं।

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