आइसीएआर से कृषि संकाय की एक्रीडिटेशन कराने की मांग को लेकर यूपी कालेज के छात्रों का प्रदर्शन
नाराज छात्र सोमवार को एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं। आक्रोशित छात्रों ने शुक्रवार को कालेज का गेट बंद करा दिया और नारेबाजी करने लगे। वहीं शिक्षक प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाने -बुझाने में जुटे हुए हैं। जबकि छात्र मानने को तैयार नहीं हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। यूपी कालेज के कृषि संकाय को अब तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर), भारत सरकार एक्रीडिटेशन नहींं मिल सका है। वहीं कालेज प्रशासन इस संबंध में छात्रों को पिछले डेढ़ साल से सिर्फ आश्वासन देता आ रहा है। इससे नाराज छात्र सोमवार को एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं। आक्रोशित छात्रों ने शुक्रवार को कालेज का गेट बंद करा कर नारेबाजी कर रहे हैं। वहीं शिक्षक प्रदर्शन कर रहे छात्रों को समझाने -बुझाने में जुटे हुए हैं। जबकि छात्र मानने को तैयार नहीं हैं।
दरअसल देशभर के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के कृषि संकाय को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर), भारत सरकार से मान्यता लेना अनिवार्य कर दिया दिया है। आइसीएआर से संबद्ध न होने वाले संस्था से स्नातक के छात्र अब अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली स्नातकोत्तर (पीजी)की प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। नए आदेश को लेेकर यूपी कालेज छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान है। कृषि संकाय के छात्रों ने आइसीएआर से संबद्धता का प्रकरण दो साल पहले भी उठा चुके हैं। छात्रों के धरना-प्रदर्शन के बाद कालेज प्रशासन ने आइसीएआर का बीएससी-कृषि में पाठ्यक्रम लागू कर दिया लेकिन आइसीएआर से संबद्धता अभी नहीं ली है।
हालांकि, छात्रों के दबाव में कालेज प्रशासन ने कृषि संकाय को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) से एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसका प्रस्ताव भी आइसीएआर को भेजने का दावा किया जा रहा है। वहीं प्राचार्य डा. एसके सिंह ने स्पष्ट किया कि आइसीएआर संबद्धता व मान्यता प्रदायी संस्था नहीं है। यह संस्था देश में कृषि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों का मूल्यांकन कर एक्रीडिटेशन प्रदान करती है। सत्र-2015-16 से ही आइसीएआर से एक्रीडिटेशन कराने का प्रावधान लागू है। वहीं जनवरी 2021 से इसे अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सूबे के अधिकांश महाविद्यालय अब तक आइसीएआर से एक्रीडिटेशन नहीं करा सके हैं। यहां तक कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भी अब तक आइसीएआर से एक्रीडिटेशन नहीं है। कहा कि यूपी कालेज में आइसीएआर के नियमाें व पाठ्यक्रमों के अनुरूप ही कृषि संकाय का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया वर्ष 2020 से ही चल रही है।