काशी विद्यापीठ में बेमियादी सत्याग्रह पर बैठे संविदा शिक्षक, विवि प्रशासन ने नहीं जारी किया चार माह का वेतन

काशी विद्यापीठ के संविदा (कोर फैकल्टी) शिक्षकों का आक्रोश अब खुल कर सामने आ गया है। लामबंद संविदा शिक्षक सोमवार को पंत प्रशासानिक भवन के सामने बेमियादी धरने पर बैठ गए हैं। चार माह का बकाया वेतन के भुगतान होने तक शिक्षकों ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2020 01:10 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 01:10 PM (IST)
काशी विद्यापीठ में बेमियादी सत्याग्रह पर बैठे संविदा शिक्षक, विवि प्रशासन ने नहीं जारी किया चार माह का वेतन
काशी विद्यापीठ के संविदा शिक्षकों का आक्रोश अब खुल कर सामने आ गया है।

वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संविदा (कोर फैकल्टी) शिक्षकों का आक्रोश अब खुल कर सामने आ गया है। लामबंद संविदा शिक्षक सोमवार को पंत प्रशासानिक भवन के सामने बेमियादी धरने पर बैठ गए हैं। चार माह का बकाया वेतन के भुगतान होने तक शिक्षकों ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया है।

धरना प्रदर्शन कर रहे वक्ताओं ने कहा कि कुलपति के मौखिक आदेश से कोरोना काल में भी संविदा शिक्षकों ने ई-कंटेंट तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड किया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने चार महीने का वेतन अब तक जारी नहीं किया। विद्यापीठ के मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर और एनटीपीसी, सोनभद्र परिसर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 78 शिक्षक संविदा (कोर फैकल्टी) पर तैनात थे।

सभी शिक्षकाें की नियुक्ति संविदा पर पांच साल के लिए की गई है। पांच साल की अवधि 30 जून को समाप्त हो गई। वहीं संविदा शिक्षकों का दावा है कि शासनादेश के अनुपालन में नौ मई को हुई कार्यपरिषद की बैठक में मानक अनुसार वेतन भुगतान करने का भी निर्णय लिया गया था। इससे इतर शासनादेश की अनदेखी कर नए सिरे से संडे शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चलना इन इंटरव्यू पर अड़ा हुआ है। जबकि इस संबंध में कुलपति को कई पत्रक दिए गए हैं। ऐसे में संविदा शिक्षकों के पास बेमियादी सत्याग्रह करने के लिए कोई विकल्प नहीं है।

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