जमीन की जटिलता में दबा प्रस्तावित फ्रेट विलेज, चंदौली के किसानों को चाहिए वाराणसी का सर्किल रेट

प्रस्तावित फ्रेट विलेज को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत है लेकिन अब तक कुल 11 एकड़ जमीन मिली है। इसमें आठ एकड़ जमीन किसानों की है। शेष जमीन के लिए चंदौली के किसानों से वार्ता हो रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 06:22 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 06:22 PM (IST)
जमीन की जटिलता में दबा प्रस्तावित फ्रेट विलेज, चंदौली के किसानों को चाहिए वाराणसी का सर्किल रेट
वाराणसी, रामनगर के राल्हूपुर में प्रस्तावित फ्रेट विलेज।

वाराणसी, जेएनएन। रामनगर के राल्हूपुर में प्रस्तावित फ्रेट विलेज के रास्ते की रुकावट दूर होने लगी है। सिंचाई विभाग की कुछ जमीनों को लेने की तैयारी हो गई। इस संदर्भ में बीते दिनों लखनऊ में मुख्य सचिव की बैठक में संबंधित विभागों के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है। प्रस्तावित फ्रेट विलेज के लिए सिंचाई विभाग की 1.11 हेक्टेयर जमीन मिल जाएगी। इसके लिए 3.30 करोड़ रुपये सिंचाई विभाग को दिया जाएगा लेकिन धरातल पर योजना लाने के लिए किसानों का इंतजार है।

प्रस्तावित फ्रेट विलेज को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत है लेकिन अब तक कुल 11 एकड़ जमीन मिली है। इसमें आठ एकड़ जमीन किसानों की है। शेष जमीन के लिए चंदौली के किसानों से वार्ता हो रही है। वहां के किसानों की मांग है कि अधिग्रहण के लिए जमीन का सर्किल रेट वाराणसी का लगाया जाए क्योंकि चंदौली की जमीनों का सर्किल रेट तुलनात्मक बहुत कम है। अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित 100 एकड़ जमीन में वाराणसी के हिस्से 60 एकड़ तो चंदौली के हिस्से 40 एकड़ जमीन है।

3000 करोड़ से बनेगा देश का पहला फ्रेट विलेज

अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित गंगा जलमार्ग वन (बनारस से हल्दिया) का प्रमुख केंद्र वाराणसी है। इससे जोड़कर देश का पहला फ्रेट विलेज बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रस्तावित फ्रेट विलेज 3000 करोड़ की लागत से 100 एकड़ एरिया में रामनगर के राल्हूपुर में बने टर्मिनल से जोड़कर बनाया जा रहा है। मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा जल परिवहन के तहत प्रस्तावित फ्रेट विलेज को विश्व बैंक की सहमति के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने मंजूरी दी है। फ्रेट विलेज प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए इनलैंड वॉटर वेज अथॉरिटी (आइडब्ल्यूएआइ) ने कवायद शुरू कर दी है।

एसपीवी करेगा फ्रेट विलेज का संचालन

इसके लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) बनाया जाएगा, जो एक कंपनी होगी। इसमें आइडब्ल्यूएआइ के अलावा डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर कॉरपोरेशन और यूपी सरकार की हिस्सेदारी होगी। यही एसपीवी पूरे प्रोजेक्ट का काम देखेगा। एसपीवी के संगठनात्मक ढांचे को पोत मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

ऐसा होगा प्रस्तावित फ्रेट विलेज

-वेयर हाउस

-कोल्ड स्टोरेज

-पैकेजिंग-रैपरिंग

-कारगो स्टोरेज

-रोड, रेल व जल ट्रांसपोर्ट सर्विस

-शहरी जीवन की बुनियादी सुविधाएं

-माल सुरक्षित रखने के लिए स्टोर

-गंगा पार एक नया शहर बसेगा

-हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा

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