शिमला मिर्च की खेती दे रही बेहतर मुनाफा, किसानों में बढ़ने लगी मांग

शिमला मिर्च की खेती करके किसान आय बढ़ाकर अपनी तकदीर बदल सकते हैं। कम जमीन व लागत में अधिक लाभ देने वाली सब्जी है शिमला मिर्च जिसका काफी प्रयोग अब बढा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 08:48 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 07:05 AM (IST)
शिमला मिर्च की खेती दे रही बेहतर मुनाफा, किसानों में बढ़ने लगी मांग
शिमला मिर्च की खेती दे रही बेहतर मुनाफा, किसानों में बढ़ने लगी मांग

वाराणसी [जेपी पांडेय] : शिमला मिर्च की खेती करके किसान आय बढ़ाकर अपनी तकदीर बदल सकते हैं। कम जमीन व लागत में अधिक लाभ देने वाली सब्जी है शिमला मिर्च। जानकारी के अभाव में किसान इसकी खेती पर जोर नहीं देते हैं, जबकि सामान्य सब्जियों की तरह अपने क्षेत्र की जलवायु में शिमला मिर्च की खेती की जा सकती है। जिले में कुछ किसानों को शिमला मिर्च की खेती कर अच्छी आय हो रही। कई किसान चाहकर भी शिमला मिर्च की खेती नहीं कर पा रहे हैं। उनके मन में कई तरह की शंका है। ऐसे में किसानों के मन में उठ रहे सवालों का जवाब दिया जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने। पेश है प्रमुख अंश-

 

सवाल : कम सिंचाई के लिए क्या करें, सुरेश कुमार, मुनारी।    

जवाब : मल्चिंग विधि (प्लास्टिक शीट क्यारियों पर बिछाकर) से खेती करके अपने खेतों में नमी बनी बनाए रख सकते हैं। इससे लागत कम हो जाएगी। ड्रिप विधि से खेतों की सिंचाई करें। सरकार इस पर 90 फीसद छूट दे रही है।   

सवाल : बेहन की रोपाई कब करें, शीतला पाल, बाबतपुर। 

जवाब : शिमला मिर्च का बेहन डालने का सही समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर है। एक माह में बेहन तैयार हो जाती है। जिन किसानों ने बेहन तैयार नहीं किया वे तत्काल डाल सकते हैं। बारिश होने पर लो-टनल का प्रयोग करें जिससे बेहन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

सवाल : रोगों से बचाव के क्या हैं उपाय, अभिनव मिश्रा, सेवापुरी।    

जवाब : नर्सरी डालने से पहले किसान भूमि शोधन कर लें जिससे मृदाजनित रोग नहीं होंगे। कृषि वैज्ञानिकों से राय भी समय-समय पर लेते रहें। 

सवाल : अधिक उत्पादन के लिए क्या करें, लाल बहादुर, राजातालाब। 

जवाब : समय पर बेहन डालने के साथ खेतों में शिमला मिर्च लगाएं। देशी खाद का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें, इससे उत्पादन बढऩा तय है। रासायनिक उर्वरक कहीं न कहीं नुकसान पहुंचाता है उससे उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ता है। 

माल्चिंग विधि से हो रही खेती 

पहले शिमला मिर्च की खेती पूर्वांचल में नहीं होती थी। किसानों का मानना था कि ठंड मौसम में ही शिमला मिर्च की खेती हो सकती है, लेकिन पूर्वांचल के किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेने के साथ इसकी खेती शुरू की। धीरे-धीरे जिले में कई किसान शिमला मिर्च की खेती करने लगे हैं। तीन-चार साल पहले शुरू की गई शिमला मिर्च की खेती किसानों को ज्यादा आय कराने का जरिया बनती जा रही है। दैनिक जरूरतों व फास्टफूड समेत शादी में शिमला मिर्च की मांग है। जंसा के भाउपुर में किसानों को प्रशिक्षित कर मल्चिंग विधि से शिमला मिर्च की खेती की जा रही है। 

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