प्रो. उडप्पा के जीवन पर आइएमएस बीएचयू में चर्चा करेंगे उनके साथ जुड़े विशेषज्ञ

चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के फाउंडर निदेशक पद्मश्री प्रो. केएन उडप्पा की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य पर रविवार को आफ व आनलाइन कार्यक्रम आयोजित होगा। आफ लाइन आयोजन दोपहर बाद दो बजे संस्थान के आइएलटी वन में होगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:55 AM (IST)
प्रो. उडप्पा के जीवन पर आइएमएस बीएचयू में चर्चा करेंगे उनके साथ जुड़े विशेषज्ञ
आफ लाइन आयोजन दोपहर बाद दो बजे संस्थान के आइएलटी वन में होगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के फाउंडर निदेशक पद्मश्री प्रो. केएन उडप्पा की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य पर रविवार को आफ व आनलाइन कार्यक्रम आयोजित होगा। आफ लाइन आयोजन दोपहर बाद दो बजे संस्थान के आइएलटी वन में होगा। यह जानकारी आयोजन के संयोजक प्रो. मनोज कुमार पांडेय व प्रो. अजीत परिहार ने दी है। बताया कि कार्यक्रम में प्रो. उडप्पा साहब से जुड़े रहे प्रो. एसएम तुली, डा. सिद्धार्थ द्विवेदी एवं डा. अभिमन्यु कुमार भी शामिल रहेंगे।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल करेंगे। वहीं माडर्न मेडिसिन फैकल्टी के डीन प्रो. एसके सिंह प्रो. उडप्पा के जीवन-चरित्र पर विचार रखेंगे। साथ ही कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ला, अतिथि प्रो. एसम तुली, प्रो. सिद्धार्थ द्विवेदी, प्रो. अभिमन्यु कुमार भी चर्चा करेंगे। वहीं प्रो. मनोज पांडेय धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। प्रो. उडप्पा साहब का जन्म कर्नाटक के उडप्पी जिले में जन्मे थे। उनका परिवार उद्योग-व्यापार से जुड़ा था। बावजूद इसके वे यहां पर आकर मेडिकल की पढ़ाई किए।

उस समय में यहां पर सिर्फ आयुर्वेद कालेज ही थी, जो महामना मदन मोहन मालवीय की पहल से 1920 में शुरू हुआ था। प्रो. उडप्पा यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद वे माडर्न मेडिसिन सीखने अमेरिका चले गए। वहां से आने के बाद 1959 में यहां के आयुर्वेद कालेज के प्रिंसिपल एंड सर्जरी के प्रोफेसर रहे, जो 1971 तक इस पद रहे। उनके प्रयास से यह कालेज 1971 में इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (चिकित्सा विज्ञान संस्थान ) बना। वे इस नए संस्थान में 1971 से 1980 तक निदेशक रहे।

कोरोना संक्रमण काल में लंबे समय बाद बीएचयू परिसर में ऐसे आयोजनों का दौर शुरू हुआ है। माना जा रहा है कि जल्‍द ही आयोजनों की श्रृंखला में और भी कड़‍ियां जुड़ेंगी और कोरोना का दूसरा दौर बीतने के बाद बीएचयू में विशेषज्ञों के बीच मंथन का दौर शुरू होगा। 

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