प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र माेदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनावी शंखनाद का श्रीगणेश करेंगी प्रियंका गांधी वाड्रा

उत्तर प्रदेश प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की योजना वाराणसी में एक दमदार रैली के साथ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान के धमाकेदार शुरुआत की है। पहले यह कार्यक्रम दो अक्तूबर को गांधी जयन्ती के दिन प्रस्तावित था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 12:10 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 12:10 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र माेदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनावी शंखनाद का श्रीगणेश करेंगी प्रियंका गांधी वाड्रा
जगतपुर रैली को लेकर कांग्रेस की तैयारियां जोर-शोर से लगातार जारी हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की योजना वाराणसी में एक दमदार रैली के साथ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान के धमाकेदार शुरुआत की है। पहले यह कार्यक्रम दो अक्तूबर को गांधी जयन्ती के दिन प्रस्तावित था। पितृपक्ष के कारण इसे टाल कर नवरात्र में 10 अक्तूबर को तय किया गया। राजनीतिक अभियानों में बनारस की पुरानी महत्ता के साथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वर्तमान चुनाव क्षेत्र भी होने से भी वाराणसी में रैली से अभियान की शुरूआत की योजना महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों की निगाह में, लंबे समय से बनारस और पूर्वांचल में कांग्रेस की पहचान रहे त्रिपाठी परिवार के विगत महीने कांग्रेस से अलग हो. चुप बैठने के बाद, की गई इस रैली की घोषणा और अहम मानी जाने लगी।

अब यह संयोग ही है कि लखीमपुर में किसानों के मारे जाने की घटना को लेकर उठे राजनीतिक बवंडर के बीच अग्रणी सुर्खियों एवं धमक के साथ विशेष शोहरत बटोरने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा की छवि को एक संघर्षशील विपक्षी नेता के रूप जो बढ़त हासिल हुई, उस पृष्ठभूमि में सप्ताह के अंत में पूर्व निर्धारित उनकी वाराणसी रैली का राजनीतिक महत्व बढ़ा है और उस पर राजनीतिक प्रेक्षकों की निगाहें केन्द्रित होने लगी हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली जगतपुर इन्टर कालेज के मैदान में 10 अक्तूबर को 11 बजे होनी है। कांग्रेस में बौद्धिक थिंक टैंक माने जाते रहे राजीव गांधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो.सतीश कुमार बताते हैं कि सन 2002 में 29 अक्तूबर को इसी शैक्षिक संस्थान परिसर के महाविद्यालयीय हिस्से में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंडल स्तर का पूरे दिन भर चला कार्यकर्ता सीधा संवाद का महत्वपूर्ण कार्यक्रम जिलेवार किया था। उस वक्त वह 2004 के चुनाव में कांग्रेस के लिये यहां अनुकूल वातावरण बनाने में मील का पत्थर बना था। उस परिसर में कांग्रेस का एक प्रदेश स्तरीय पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर भी 2005 में यहां लगा था। उसमें अशोक गहलोत, सलमान खुर्शीद आदि कांग्रेस नेताओं सहित सेवादल पदाधिकारियों का जमावड़ा हुआ था। कांग्रेसी हलकों में जगतपुर का यह परिसर शुभ माना जाता रहा है।

जगतपुर रैली को लेकर कांग्रेस की तैयारियां जोर-शोर से लगातार जारी हैं, यद्यपि लखीमपुर से जुड़े घटनाक्रमों के चलते आशंकाओं का साया भी अनुभव किया जा रहा था कि कहीं गतिरोध लंबा चलने पर प्रियंका गांधी का कार्यक्रम टले न। प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी, छूटते ही फिर लखीमपुर का रुख करने की उनकी दृढ़ घोषणा के चलते जल्द रिहाई पर शंका राजनीतिक हलकों में दो दिन पहले तक साफ बनी हुई थी, पर 6 अक्तूबर को राहुल गांधी के दो-दो कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों संग उत्तर प्रदेश आ धमकने के बाद बढ़े दबाव के बाद प्रशासन प्रशासन के ढीले पड़ने और प्रियंका गांधी की रिहाई और राहुल गांधी के साथ ही लखीमपुर जाने देने के बाद वाराणसी रैली को लेकर आशंका के बादल साफ हो गये थे। पूरे प्रकरण में प्रियंका गांधी की जुझारू मुहिम की राजनीतिक सफलता के बाद वाराणसी रैली का महत्व स्वाभाविक रूप से बढ़ गया। कांग्रेसी हलकों में प्रियंका की लखीमपुर यात्रा की सफल संघर्ष की मुहिम की तुलना इन्दिरा गांधी की 1977 की बिहार के बेलछी नरसंहार की घटना से जुड़ी यात्रा से की जा रही है, यद्यपि उसमें गिरफ्तारी जैसी नहीं, यात्रा मार्ग की कोई स्थिति नहीं, कठिन मार्ग के ही अवरोध थे। रैली की तैयारियों को लेकर इस बीच लगातार वाराणसी में राष्ट्रीय एवं प्रदेशीय कांग्रेस कमेटियों के प्रभारी पदाधिकारियों सहित स्थानीय संगठन एवं प्रमुख नेताओं की सक्रियता जारी है।

आज जहां प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े भी पहुंचे, वहीं एआईसीसी सचिव राजेश तिवारी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह के अतिरिक्त पूर्व विधायक अजय राय, पूर्व सांसद डा.राजेश मिश्र एवं प्रदेश सेवादल अध्यक्ष डा.प्रमोद पाण्डेय आदि सहित स्थानीय नेता एवं संगठन पदाधिकारी प्रतिदिन सभास्थल की तैयारियों से लेकर वाराणसी एवं पूर्वांचल से भीड़ जुटने के प्रबंधन और स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क एवं सभाओं का सिलसिला लगातार चला रहे हैं। हालिया घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में रैली को लेकर वाराणसी एवं निकट जिलों में कांग्रेसी हलकों में खासा उत्साह है।

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