वाराणसी स्मार्ट सिटी की योजनाओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया लोकार्पण, जानिए परियोजनाओं की विशेषता
PM Narendra Modi In Varanasi प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 25 अक्टूबर की दोपहर वाराणसी दौरे पर कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें स्मार्ट सिटी की योजनाएं भी शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण शाहंशाहपुर में बायो गैस प्लांट हैं जो जनसंख्या नियोजन का बड़ा माध्यम बनेगा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 25 अक्टूबर की दोपहर वाराणसी दौरे पर कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें स्मार्ट सिटी की योजनाएं भी शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण शाहंशाहपुर में बायो गैस प्लांट हैं जो जनसंख्या नियोजन का बड़ा माध्यम बनेगा। इसके अलावा जाम से मुक्ति के लिए टाउनहाल मैदान में अंडरग्राउंड पार्किंग है।
टाउनहाल पार्किंग व पार्क : मैदागिन स्थित टाउनहाल परिसर में वाराणसी स्मार्ट सिटी की ओर से पार्क व अंडरग्राउंड पाॄकग का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें पार्क एंट्रेंस प्लाजा व टिकट बूथ, ओपेन जिम, योग गार्डन, सैंड पिट, बच्चों को खोलने की जगह, लैंड स्केपिंग, फुटपाथ, जागिंग ट्रैक, मेज एरिया, गजीबो, बैठने के लिए स्थान, वेंडिंग जोन आदि से लैस होगा। पूरा परिसर दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाएगा। रैंप, बैठने के लिए स्थान, सीढ़यिों पर पकडऩे के लिए रेलिंग, व्हील चेयर के लिए सुविधा आदि, अंडर ग्राउंड पाॄकग बनाई जा रही है। 55 सौ वर्ग मीटर निर्माण क्षेत्र है। अलग-अलग प्रवेश व निकासी द्वार है। पाॄकग की कुल क्षमता दो सौ पहिया व 150 चार पहिया वाहन खड़ा करने की है। भविष्य में इसकी क्षमता बढ़ाने के दृष्टिगत हाइड्रोलिक स्टैक सिस्टम भी लगाया जा रहा है।
बायो गैस प्लांट : शाहंशाहपुर में बायो गैस प्लांट बनकर तैयार है। यहां पर गोबर व खर-कतवार से सीएनजी गैस का उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम के कान्हा उपवन में रखी गायों से गोबर का इंतजाम होगा। इसके अलावा इलाके के किसानों से भी गोबर की खरीद की जाएगी। यह बायो गैस सीएनजी की तरह कार्य करेगा जिससे वाहनों का संचालन किया जाएगा।
चकरा तालाब देख चकरा जाएंगे आप : शहर का पॉश इलाका सिगरा। यहां चकरा नामक प्राचीन तालाब स्थित है। भूमाफियाओं की नजर पड़ी और कचरा व मलबा डालकर तालाब के अस्तित्व को खत्म किया जा रहा था। अखबारों में प्रकाशित खबर के बाद नगर निगम ने संज्ञान में लिया। स्मार्ट सिटी योजना से तालाब का सुंदरीकरण किया गया। दो करोड़ खर्च हुए। अब तालाब को देखकर हर कोई चक्कर खा जा रहा है कि आखिर यह वही तालाब है जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा था।
घाट पर फसाड कार्य : गंगा के पांच घाटों पर फसाड कार्य कराया गया है। दो करोड़ रुपये से ऐतिहासिकता व पौराणिकता को संरक्षित रखते हुए भव्य स्वरूप दिया गया है। पांच घाटों में दशाश्वमेध, शीतला, अहिल्याबाई, मुंशी व दरभंगा घाट है।