वाराणसी के पहले पशु शवदाह गृह का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कर सकते हैं शिलान्यास, टेंडर की प्रक्रिया भी लगभग अंतिम दौर में

पीएम दिसम्बर माह के दूसरे दौरे यानी 23 को पशुओं के लिए पहला शवदाह गृह का शिलान्यास कर सकते हैं। प्रशासन इसे भी सूची में शामिल करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है टेंडर की प्रक्रिया लगभग अंतिम दौर में है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:34 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:34 AM (IST)
वाराणसी के पहले पशु शवदाह गृह का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कर सकते हैं शिलान्यास, टेंडर की प्रक्रिया भी लगभग अंतिम दौर में
वाराणसी के पहले पशु शवदाह गृह का प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कर सकते हैं शिलान्यास

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पीएम दिसम्बर माह के दूसरे दौरे यानी 23 को पशुओं के लिए पहला शवदाह गृह का शिलान्यास कर सकते हैं। प्रशासन इसे भी सूची में शामिल करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है टेंडर की प्रक्रिया लगभग अंतिम दौर में है।

पशु शवदाह गृह काशी पर खर्च होगा दो करोड़ 24 लाख रुपये। धनराशि की व्यवस्था जिला पंचायत की ओर से करने की बात है। पशु शवदाह गृह में लगने वाले सयंत्र की क्षमता 400 किलोग्राम प्रतिघंटा बताया जा रहा है। यानी एक घण्टे में यह चार सौ किलो ग्राम डिस्पोजल कर सकता है।

अभी तक पशुओ को जमीन में गाड़ने की थी वयवस्था

पशुओं की मौत होने पर जमीन में गड्ढा खोदकर गाड़ दिया जाता था लेकिन शहरीकरण की वजह से जमीनों पर धीरे धीरे बिल्डिंगें तनती जा रही हैं। लिहाजा जमीन मिल नहीं पा रही है। कुछ यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो गया है। अब पशुपालन व्यवसाय का स्वरूप ले लिया है। बहुतायत के पास जमीन नहीं है लेकिन वह पशुपालन कारोबार से जुड़े हैं। किसी वजह से पशु की मौत हो जाती है तो जमीन मालिक अपने खेत में पशुओं को गाडऩे की छूट नहीं देते हैं। लिहाजा लोग नदियों में, नदियों के किनारे या जंगल आदि में मृत पशुओं को फेंक देते हैं। इससे पर्यावरण को खासा नुकसान होता है।जिला प्रशासन की ओर से इसी बाबात यह निर्णय लिया गया है। शासन ने भी इस पर सहमति जता दी है।

जिले में पांच हजार से अधिक पशु 113 पशुआश्रय स्थल में

शासन के निर्देश के क्रम में छुट्टा पशुओं को पशुआश्रय स्थल में रखा जा रहा है। पशुओं को खाने पीने से लगायत चिकित्सा सुविधा तक के इंतजाम के निर्देश हैं। जिले में इस समय 113 पशुआश्रय स्थल में लगभग पांच हजार से अधिक पशुओं को रखा गया है। आए दिन संख्या बढ़ती जा रही है। निराश्रित पशुओं की मौत होने के बाद भी लोग अपनी जमीन में इसे गाडऩे से मनाही करते हैं।

ब्लाकवार पशुआश्रय स्थल

बड़ागांव --14

चिरईगांव - 07

चोलापुर - 12

हरहुआ -- 12

काशी विद्यापीठ- 12

आराजीलाइन--19

पिंडरा --15

सेवापुरी - 22

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