बीमार पड़े तो खैर नहीं : बाजार में जीवन रक्षक दवाओं और सर्जिकल उपकरणों की बढ़ गई कीमत

गरीब और मध्यम परिवार के लोग तो सकते में हैं। स्वास्थ्य संबंधित दवाओं और उपकरणों के बाजार पर गहरी नजर रखने वालों की मानें तो कच्चे माल के दाम बढ़ने के चलते दवा के थोक और फुटकर मार्केट में काफी हलचल है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:28 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:28 AM (IST)
बीमार पड़े तो खैर नहीं : बाजार में जीवन रक्षक दवाओं और सर्जिकल उपकरणों की बढ़ गई कीमत
वाराणसी में जीवनरक्षक दवाओं और सर्जिकल उपकरणों की कीमतें बढ़ गयी हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। जीवनरक्षक दवाओं और सर्जिकल उपकरणों की कीमतें बढ़ गयी हैं। बढ़ी कीमतों के चलते मरीजों और उनके परिजनों के दिलों की धड़कन तेज हो गयी है। गरीब और मध्यम परिवार के लोग तो सकते में हैं। स्वास्थ्य संबंधित दवाओं और उपकरणों के बाजार पर गहरी नजर रखने वालों की मानें तो कच्चे माल के दाम बढ़ने के चलते दवा के थोक और फुटकर मार्केट में काफी हलचल है। दवा बाजार सूत्रों के मुताबिक तो शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट और सर्दी की दवाएं ही नहीं, दैनिक जरूरत वाले उपयोगी मेडिकल उपकरणों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है।

घर पर ही बुखार मापने वाले यंत्र थर्मामीटर, ब्लड प्रेशर (बीपी) और शुगर मापने वाली मशीन हो या वेपोराइजर, सभी के दाम बढ़ गये हैं । साथ ही क्रेप बैंडेज की कीमत भी चढ़ी हैं। इतना ही नहीं, त्वचा रोगियों के काम आने वाली सन स्किन क्रीम तक के रेट बढ़ गए हैं। बाजार सूत्रों का कहना है कि घुटनों का दर्द और मांसपेशियों के खिंचाव में राहत देने वाले दर्द निवारक क्रीम और एंटीसेप्टिक क्रीम की दरों में बढ़ोतरी से मरीजों का दर्द दूर होने के बजाय और बढ़ गया है। पेट दर्द की दवा मेफ्टल स्पास की बढ़ी कीमतों से दर्द कम होने के बजाय और बढ़ने लगा है तो कोरेक्स का दाम बढ़ने से खांसी कम होने का नाम नहीं ले रहा। सांस फूलने की दवा के बढ़े दाम ने इसके मरीजों की परेशानी को बढ़ाने वाला है तो दवाओं के दाम बढ़ने से क्षय रोगियों में भी बेचैनी है।

मरीजों और उनके परिजनों के बटुए पर चोट भी पहुंचने लगी है। यह ऐसी मार है, जिसका दर्द सबको सहना ही सहना है। सहने के सिवाय उनके पास और कोई चारा नहीं है। क्योंकि सुनने वाला कोई नहीं है। दवा विक्रेता समिति वाराणसी के महामंत्री संजय सिंह का कहना है कि कच्चे माल में तेजी होने से कंपनियां अपने-अपने उत्पाद की कीमतें बढ़ा रही हैं । कंपनियों का कहना है कि बाहर से आने वाली दवाओं का साल्ट हो या फिर स्किन क्रीम अथवा सर्जिकल आइटम सभी में प्रयोग होने वाला कच्चा माल महंगा हो गया है। इसके चलते तेजी है। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है। लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं। महामंत्री ने बताया कि कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्रक सौंपा जाएगा। जिससे कि मरीजों को जीवनरक्षक दवाएं सस्ती मिल सकें।

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