वाराणसी में अतिक्रमण रोकने के लिए नजूल की जमीनों की होगी जीयो टैगिंग, वार्डवार तैयार होगा दस्तावेज

अब नजूल की जमीनों की जीयो टैगिंग होगी। इसके लिए वाराणसी नगर निगम प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। निजी कंपनी को इस कार्य की जिम्मेदारी दी जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 10:15 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 10:15 PM (IST)
वाराणसी में अतिक्रमण रोकने के लिए नजूल की जमीनों की होगी जीयो टैगिंग, वार्डवार तैयार होगा दस्तावेज
वाराणसी में अतिक्रमण रोकने के लिए नजूल की जमीनों की होगी जीयो टैगिंग, वार्डवार तैयार होगा दस्तावेज

वाराणसी, जेएनएन। अब नजूल की जमीनों की जीयो टैगिंग होगी। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। निजी कंपनी को इस कार्य की जिम्मेदारी दी जाएगी। वार्डवार दस्तावेज तैयार किया जाएगा।

इसके बाद साफ्टवेयर में मुकम्मल जानकारी दर्ज हो जाएगी। इसके बाद कब्जा करने वालों की दाल नहीं गलेगी। मिनटों में उस भूमि की पूरी कुंडली सामने आ जाएगी। अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा ने बताया कि नजूल की जमीनों पर हो रहे कब्जे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मुकम्मल दस्तावेज बनने के बाद नगर निगम प्रशासन को कब्जेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने में सहूलियत हो जाएगी।

कुंड व तालाबों का बच जाएगा अस्तित्व

एक वक्त था जब बनारस में कुृंड व तालाबों की संख्या दो सौ के पार थी लेकिन कब्जा होने से संख्या कम होती गई। वर्तमान में कुंड व तालाबों की संख्या 62 के करीब पहुंच गई है। इसमें भी कई ऐसे कुंड व तालाब हैं जिन पर कब्जा के कारण उनके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर बीते दिनों नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई करे हुए कुछ जमीनों को खाली कराया लेकिन इस कब्जेदारी के कारण पांडेयपुर तालाब के सुंदरीकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

विकास योजनाओं को लगेंगे पंख

नगर निगम प्रशासन यदि नजूल की जमीनों को बचा लेता है और उस पर हुए कब्जे को खाली करा लेता है तो यहां प्रस्तावित कई योजनाओं को पंख लग जाएंगे। अब तक आधा दर्जन ऐसे प्रस्ताव हैं जो जमीन के अभाव में फाइलों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसमें कचरा प्रबंधन से लेकर नगर में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन की योजनाएं हैं। जमीन के अभाव में नगरीय क्षेत्र के अंदर ऐसा कोई उचित स्थान नहीं मिल जहां कचरे को पृथक किया जा सके या फिर वाहन स्टैंड, पार्किंग व चार्जिँग स्टेशन बनाया जा सके।

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