श्रीलंका में राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रत्‍याशी की जीत के लिए 440 श्रीलंकाई समर्थकों ने सारनाथ में किया अनुष्‍ठान

श्रीलंका में जल्‍द ही राष्‍ट्रपति चुनाव होने जा रहा है इसके लिए अपने अपने प्रत्‍याशियों के समर्थन में वहां के समर्थक भारत में इन दिनों चुनावी तैयारी और रणनीति को अंजाम दे रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 06:41 PM (IST)
श्रीलंका में राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रत्‍याशी की जीत के लिए 440 श्रीलंकाई समर्थकों ने सारनाथ में किया अनुष्‍ठान
श्रीलंका में राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रत्‍याशी की जीत के लिए 440 श्रीलंकाई समर्थकों ने सारनाथ में किया अनुष्‍ठान

वाराणसी, जेएनएन। श्रीलंका में जल्‍द ही राष्‍ट्रपति चुनाव होने जा रहा है इसके लिए अपने अपने प्रत्‍याशियों के समर्थन में वहां के समर्थक भारत में इन दिनों चुनावी तैयारी और रणनीति को अंजाम दे रहे हैं। इसके लिए कुल 440 समर्थकों की फौज इन दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनावी मुहिम चला रही है।जी हां, चुनाव श्रीलंका में हैं मगर तैयारियां बनारस के सारनाथ में की जा रही हैं। चौंकिए मत, दरअसल सारनाथ भगवान बुद्ध की प्र‍थम उपदेश स्‍थली है और श्रीलंका के बौद्ध मतदाताओं को रिझाने और उनको अपने पक्ष में करने के लिए महिंदा राजपक्षे के समर्थन में उनके समर्थक मन्‍नत मांगने के लिए भगवान बुद्ध के लिए पहचान रखने वाले सारनाथ में आए हुए। 

श्रीलंका में नवंबर माह में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे की जीत हो, इसके लिए भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में 440 श्रीलंकाई बौद्ध अनुयायियों ने भगवान बुद्ध की विशेष पूजा अनुष्‍ठान में हिस्‍सा लिया, यह विशेष पूजा और अनुष्‍ठान का दौर लगभग डेढ़ घंटे तक चला। श्रीलंका में 18 नवंबर को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है। इसमें श्रीलंकाई गोटा वय राजपक्षे को राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं।

इसके लिए रविवार को 440 श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु व अनुयायियों ने पुरातात्विक खंडहर परिसर में धर्मराजिका स्तूप पर दीप जलाकर भगवान बुद्ध की विधिवत डेढ़ घंटे तक पूजा की और धमेख स्तूप की पूजा कर गोटा वय राजपक्षे को राष्ट्रपति बनने की प्रार्थना की। वही श्रीलंका के गुणरत्न, भिक्षु सुघा सुमन ने बताया कि गोटा वय राजपक्षे श्रीलंका के अच्छे राष्ट्रपति साबित होंगे। उनके भारी बहुमत से जीतने के लिए विधिवत पूजन किया गया। इनके आने से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। श्रीलंकाई बौद्ध अनुयायी बोध गया, राजगीर, नालंदा, श्रावस्ती में भी भगवान बुद्ध की पूजा करेंगे। इस मौके पर भिक्षु नंद जी, आनंद आदि मौजूद थे।

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