BHU के मीरजापुर स्थित दक्षिणी परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम अब हटाने की तैयारी

बीएचयू के मीरजापुर स्थित बरकछा परिसर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव के नाम पर था जिसे अब हटाने की तैयारी चल रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 11:29 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 10:23 PM (IST)
BHU के मीरजापुर स्थित दक्षिणी परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम अब हटाने की तैयारी
BHU के मीरजापुर स्थित दक्षिणी परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम अब हटाने की तैयारी

वाराणसी, जेएनएन। नाम बदलने के क्रम में अब बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी भी जुट गई है। मीरजापुर स्थित बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्याल) के दक्षिणी परिसर का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर 13 वर्ष पूर्व हुआ है। बीएचयू कोर्ट की बैठक में आए प्रस्ताव में सहमति बनी कि दक्षिणी परिसर के नाम से राजीव गांधी का नाम हटा दिया जाए। हालांकि दो-तीन सदस्यों ने इस प्रस्ताव को लेकर सहमति नहीं जताई है। विदित हो कि बीएचयू कोर्ट में कुल 48 सदस्य हैं जिनमें से करीब 35 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। 

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय की अध्यक्षता में बीएचयू कोर्ट की अहम बैठक में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें सबसे अहम विश्वविद्यालय के नए दक्षिणी परिसर को लेकर था। जब सदस्यों ने दक्षिणी परिसर से राजीव गांधी का नाम हटाकर सिर्फ बीएचयू दक्षिणी परिसर रखने का प्रस्ताव रखा तो लगभग सभी सदस्यों ने सहमति जताई। सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव को पूरी शांति के साथ सभी ने सुना एवं सहमति भरे हाथ उठाए। वैसे दो-तीन सदस्यों ने बिना आपत्ति जताते हुए कहा कि राजीव का नाम रहने दिया जाए।

नाम बदलने की क्या है प्रक्रिया

यदि बीएचयू के दक्षिणी परिसर से राजीव गांधी का नाम हटाने के प्रयास को अमलीजामा पहनाना होगा तो इसकी पहल विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद द्वारा इसके प्रस्ताव को पास करना होगा। इसके बाद इस प्रस्ताव को कार्यकारिणी परिषद की बैठक में लाकर उससे भी हरी झंडी लेनी होगी।

2006 में हुआ था दक्षिणी परिसर का भूमि पूजन

मीरजापुर के बरकछा स्थित बीएचयू दक्षिणी परिसर का कुल क्षेत्रफल 2700 एकड़ है। बीएचयू एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है। दोनों परिसरों को मिलाकर छात्रावासों की संख्या 75 है। 30 मई 2005 को पहली बार तत्कालीन कुलपति प्रो. पंजाब सिंह परिसर पहुंचे थे। 2006 में इसका भूमि पूजन किया गया। उसी समय इसका नाम राजीव गांधी दक्षिणी परिसर रख दिया गया था। छह पाठ्यक्रम केसाथ शुरू हुए दक्षिणी परिसर में वर्तमान में कुल 26 पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इस समय कुल 2500 छात्र-छात्राएं वहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कुल शिक्षकों की संख्या 100 और कर्मचारियों की संख्या 100 है। बीएचयू दक्षिणी परिसर में दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के अलावा स्नातक व परास्नातक के पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। पूर्वांचल का यह पहला संस्थान है जहां पशु विज्ञान व पशु चिकित्सा संकाय के तहत बीएससी वेटेनरी साइंस की पढ़ाई की जाती है। दक्षिणी परिसर में अपना जल शोधन संयंत्र है जिससे पूरे परिसर में जलापूर्ति की जाती है।

राजीव गांधी का नाम किसी भी सूरत में हटने नहीं देंगे

इस बारे में अनुशासन व सलाहकार समिति-प्रदेश कांग्रेस के सदस्य अजय राय ने कहा कि बीएचयू के दक्षिणी परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम किसी भी सूरत में हटने नहीं देंगे। संस्थाओं का राजनीतिकरण करने की दिशा में भाजपा सरकार का यह पर्दे के पीछे से किया जा रहा कृत्य है। कांग्रेस यह मंसूबा सफल नहीं होने देगी। इस देश के विकास में राजीव गांधी का बड़ा योगदान रहा है। उनके नाम को मिटाने का यह प्रयास निंदनीय है।

 

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