प्रेमचंद स्मारक की टंकी का मामला : तीनों गुटों को किसी न किसी राजनीतिक दल का संरक्षण प्राप्त

महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के स्मारक और पुस्तकालय के लिए पूर्व कमिश्नर सुरेश चंद्रा द्वारा लगवाए गए समर्सिबल पंप के बाद जनसहयोग से बनवाए गए पानी की टंकी तोड़ने के मामले में बुधवार को भी अधिकारियों की चुप्पी ही दिखी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 07:35 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 07:35 PM (IST)
प्रेमचंद स्मारक की टंकी का मामला : तीनों गुटों को किसी न किसी राजनीतिक दल का संरक्षण प्राप्त
महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के स्मारक और पुस्तकालय

वाराणसी, जेएनएन। महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के स्मारक और पुस्तकालय के लिए पूर्व कमिश्नर सुरेश चंद्रा द्वारा लगवाए गए समर्सिबल पंप के बाद जनसहयोग से बनवाए गए पानी की टंकी तोड़ने के मामले में बुधवार को भी अधिकारियों की चुप्पी ही दिखी। हालांकि गांव में राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। कहा जाए तो तीनों गुटों को किसी न किसी राजनीतिक दल का संरक्षण प्राप्त है। बात पहले पक्ष की करें तो दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव को भाजपा और सपा के एक बड़े नेता का सहारा है तो किसानों को ग्राम प्रधान का। तीसरे गुट के मनीष श्रीवास्तव अपनी कमियों को स्वीकारते हुए अब जिला प्रशासन के शरण में हो लिए हैं। बुधवार सुबह-सुबह पड़ोस के गांव मझभीटियां के एक नेता के साथ दो लोग प्रेमचंद स्मारक पर पहुंचे। क्षतिग्रस्त टंकी का निरीक्षण करते हुए उन्होंने अपने को एक सांसद का प्रतिनिधि बताया। उसके बाद वीडियो काल से मौके की स्थिति से अवगत कराया। फिर वापस चले गए।

मनीष ने जिला प्रशासन को भेजा पत्र

मुंशी जी के लिए बनी पानी की टंकी को हटवाकर विवाद का रूप पैदा करने वाले मनीष श्रीवास्तव अब जिला प्रशासन के शरण में चले गए हैं। उन्होंने कमिश्नर दीपक अग्रवाल, डीएम कौशलराज शर्मा को पत्र लिखकर अपने पक्ष को रखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पिछले चार वर्ष से यह टंकी उपयोग में नहीं थी। टंकी के पीछे बने शौचालय में भी पानी की व्यवस्था नहीं थी। इस कारण हमने ग्राम सभा की सहमति से इस निष्प्रयोग टंकी को हटवा दिया। हमारा कसूर बस इतना है कि हमने टंकी गिरवाने की सूचना वीडीए को नहीं दिया। इसका फायदा दूसरे गुट के दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव उठा रहे हैं।

30 जुलाई 2017 को तत्कालीन अधिकारियों ने जनसहयोग से टंकी बनवाने का दिया था निर्देश

वर्ष 2017 में मुंशी जी की जयंती के पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का निरीक्षण करने पहुंचे तत्कालीन कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण और वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित खरे ने स्मारक और पुस्तकालय में पेयजल की समस्या को देखते हुए जनसहयोग से पानी की टंकी बनवाने का निर्देश दिया था। जयंती के बाद रोमा बिल्डर्स के आकाश गुप्ता, उदय राव, मनीष खत्री के साथ पांच बार ग्राम सभा की बैठक हुई। जिसमें प्रेमचंद सरोवर के सुंदरीकरण, पेयजल के लिए टंकी और प्याऊ बनवाने का प्रस्ताव पास हुआ। जिसे समाज सेवियों ने पूरा किया। ऐसे में दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। जब टंकी का निर्माण वीडीए ने कराया नहीं तो उससे पूछने का सवाल ही नहीं उठता है।

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