IPL 2020 में दिल्‍ली को जिताने मैदान पर उतर सकता है आजमगढ़ का लाल, कोच रिकी पोंटिंग ने दिए संकेत

आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान आैर टीम के कोच रिकी पोंटिंग ने उन्हें अंतिम 11 में जगह मिलने के संकेत दिए हैं। आजमगढ़ के युवा क्रिकेटर प्रवीण दुबे को गत 19 अक्टूबर को टीम में एक खिलाड़ी के स्थान पर जगह मिली थी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 02:58 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:09 PM (IST)
IPL 2020 में दिल्‍ली को जिताने मैदान पर उतर सकता है आजमगढ़ का लाल, कोच रिकी पोंटिंग ने दिए संकेत
युवा क्रिकेटर प्रवीण दुबे को गत 19 अक्टूबर को टीम में एक खिलाड़ी के स्थान पर जगह मिली थी।

आजमगढ़, जेएनएन। आइपीएल में धूम मचा रही दिल्ली कैपिटल के 15 खिलाड़ियों में जगह बनाने वाले प्रवीण दुबे को कल होने वाली प्रतियोगिता के लिए चयनित 11 की टीम में जगह मिल सकती है। उन्होंने ग्राउंड पर बाउंड्री से विकेट पर सटीक थ्रो (बाल मारने) करने, लेग ब्रेक कराने व पावर प्ले में बेहतर हिट करने के लिए पसीना बहाया। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान आैर टीम के कोच रिकी पोंटिंग ने उन्हें अंतिम 11 में जगह मिलने के संकेत दिए हैं। जिले के युवा क्रिकेटर प्रवीण दुबे को गत 19 अक्टूबर को टीम में एक खिलाड़ी के स्थान पर जगह मिली थी।

यूं तो प्रवीण आइपीएल के लिए नए खिलाड़ी नहीं है। वर्ष 2017-18 में बंगलुरू टीम के कैंप में शामिल रहे हैं। 40 खिलाड़ियों संग पसीना बहाए थे। उन दिनों इनकी मेधा काे भारतीय क्रिकेट के कप्तान विराट कोहली ने पहचाना था। प्रवीण से बातचीत में जागरण को बताया कि रिकी पोंटिंग को मुझसे बेहतर भविष्य की उम्मीद है, ग्राउंड पर पसीना बहाने का उन्‍होंने मशविरा दिया था। हालांकि, विराट से पूर्व भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान एवं कैप्टन कूल के रूप में पहचान रखने वाले राहुल द्रविड़ ने वर्ष 2014 में प्रवीण की सराहना की थी। उन दिनों प्रवीण मेरठ स्पोर्ट्स हास्टल से बंगुलुरु पहुंचे थे। वहां ग्राउंड में दूसरे खिलाड़ियों संग करियर के ट्रैक पर दौड़ने के लिए पसीना बहा रहे थे।

भारतीय क्रिकेट के दोनों ही महान हस्तियों की उम्मीदें अब जमीन पर उतरती नजर आने लगी हैं। आजमगढ़ के लाल प्रवीण पहले दिल्ली कैपिटल की टीम में पहले 15 खिलाड़ियों में जगह बनाने के बाद अब 11 की टीम में जगह बनाने जा रहे हैं। प्रवीण दुबे जिले के सगड़ी क्षेत्र स्थित नरहन खास गांव के मूलत: निवासी हैं। उनमें क्रिकेट के प्रति रुचि बचपन से ही रही है। वह गांव में पास-पड़ोस के बच्चों संग पढ़ाई से खाली होने के बाद क्रिकेट खेलते रहते थे। उनके चाचा लक्ष्मीकांत दुबे वर्ष 2003 में आजमगढ़ ले आए थे। वह दमकल विभाग में कार्यरत थे, जहां बगल में ही स्थिति सुखदेव पहलवान स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रवीण पसीना बहाने लगे। उनकी मशक्कत के सामने एक-एक कर सामने आ रही दुश्वारियां हारती गईं और प्रवीण दुबे सफलता की ऊंचाई पर जा पहुंचे। प्रवीण दुबे रिकी पोंटिंग से मिले संकेत के बाद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा टीम को चैंपियन बनाने के लिए बेताब हूं।

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