आजमगढ़ जिले में साइबर अपराध पर अंकुश को पुलिस ने चलाया जागरूकता का हथियार
पुलिस लाइंस स्थित सभागार में गोष्ठी का आयोजन कर साइबर अपराध से निबटने को मंथन किया गया। एसपी सुधीर कुमार सिंह ने अपने संबोधन में जागरूकता का हथियार चलाया। उन्होंने अपील की कि किसी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी यूजर आइटी को न बताएं।
आजमगढ़, जेएनएन। पुलिस लाइंस स्थित सभागार में गोष्ठी का आयोजन कर साइबर अपराध से निबटने को मंथन किया गया। एसपी सुधीर कुमार सिंह ने अपने संबोधन में जागरूकता का हथियार चलाया। उन्होंने अपील की कि किसी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी, यूजर आइटी को न बताएं। हमारी आपकी यही सावधानी साइबर अपराधियों की कमर तोड़ डालेगी।
साइबर अपराधियों की नकेल इन दिनों ने पुलिस ने कस रखी है। एसपी ट्रैफिक सुधीर कुमार जायसवाल ने कहाकि हम जब तक जरूरी जानकारियां किसी को नहीं बताएंगे बैंक में पड़े हमारे रुपये सुरक्षित रहेंगे। हमारी एक चूक का फायदा उठाकर ही साइबर अपराधी जनता की गाढ़ी कमाई को उड़ाने में सफल हो जा रहे हैं। हालांकि, गिरोह से जुड़े शातिर लोग बातों ही बातों में रिमोट एक्सेस एप जैसे- क्वीक सपोर्ट, एनीडेस्क आदि डाउलोड करने को कहे तो कदापि डाउनलोड न करें।
विभिन्न माध्यमो जैसे एसएमएस, ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज आदि पर प्रसारित / प्राप्त हो रहे लिंक को न खोलें। आप जिज्ञासा वश एक चूक करते हैं, और अपनी गाढ़ी कमाई लुटा बैठते हैं। किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नम्बर गूगल पर सर्च करके प्रयोग में न लायें। नंबर प्राप्त करने के लिए उस कम्पनी के उपलब्ध कराए गए डाक्यूमेंट को देखें अथवा केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध नंबर का प्रयोग करें। एटीएम से पैसे निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरा व्यक्ति आपका एटीएम कार्ड बदल न पाएं। कई बार धोके से एटीएम बदलकर भी रुपये निकाल लेते हैं। अपने मोबाइल को किसी अनजान व्यक्ति को नहीं देनी चाहिए। कई बार गलत व्यक्तियों के हाथ में मोबाइल जाने से उसके द्वारा पोर्ट का मैसेज भेजकर पोर्ट आउट नंबर प्राप्त कर लिया जाता है। ऐसे में आपके मोबाइल नबर की दूसरी सिम प्राप्त कर अवैध ट्रान्जेक्शन कर लिये जाते हैं।