वाराणसी की सड़कों पर पुलिस कर रही कार की तलाश, सड़क हादसे के बाद फर्जी तरीके से गाजीपुर में थाने से छुड़ा ली गाड़ी

बनारस की सड़कों पर इन दिनों गाजीपुर की पुलिस एक कार की तलाश कर रही है। इस कार से हुए हादसे में एक किशोर की मौत हो गई थी। कार सहित चालक को पुलिस ने पकड़ लिया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:30 AM (IST)
वाराणसी की सड़कों पर पुलिस कर रही कार की तलाश, सड़क हादसे के बाद फर्जी तरीके से गाजीपुर में थाने से छुड़ा ली गाड़ी
काशी की सड़कों पर इन दिनों गाजीपुर की पुलिस एक कार की तलाश कर रही है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी की सड़कों पर इन दिनों गाजीपुर की पुलिस एक कार की तलाश कर रही है। इस कार से हुए हादसे में एक किशोर की मौत हो गई थी। कार सहित चालक को पुलिस ने पकड़ लिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद न केवल कार को फर्जी तरीके से छुड़ा लिया गया बल्कि चालक की कोर्ट से जमानत मिल गई। अब जब पुलिस को पता चला कि सब कुछ फर्जी ढंग से किया गया हे तो उनके हाथ पांच फूल गए। अब कार की तलाश में पुलिस लगी हुई है।

सामने घाट निवासी वरुण राय ने छह नवंबर 2018 को लंका स्थित एक एजेंसी से एक्सचेंज आफर में कार ली थी। उनकी पुरानी कार की कीमत पांच लाख रुपये लगाई गई थी। नई आइ 10 कार साढ़े आठ लाख में पड़ी। एग्रीमेंट में शर्त थी कि उनकी पुरानी कार बेचने का अधिकार एजेंसी के पास रहेगा और कार एजेंसी के नाम ट्रांसफर होगी। पुरानी कार को बिना ट्रांसफर किए दो साल तक चलाते रहे। इस बीच 12 नवंबर 2020 को गाजीपुर के जंगीपुर में कार से सड़क हादसा हो गया और एक किशोर की मौत हो गई। पुलिस ने कार समेत चालक पकड़ लिया था। इसकी जानकारी मिलने पर आनन फानन एजेंसी के लोगों ने फर्जी ढंग से कार का बीमा कराया।

वरुण राय ने बताया कि कार उनकी पत्नी के नाम से थी। उनकी पत्नी के आधार कार्ड में दूसरी महिला की फोटो लगाकर उसे कोर्ट में पेश किया और चालक की जमानत कराने के साथ कार भी रिलीज करा ली गई। इस बीच 20 मार्च को गाजीपुर कोर्ट से भुक्तभोगी को नोटिस आया, जिसमें दुर्घटना के संबंध में 50 लाख क्लेम मांगा गया। नोटिस के संबंध में वरुण ने जब एजेंसी से संपर्क किया तो जवाब मिला कि समस्या आपकी है खुद निपटिए। इस पर भुक्तभोगी ने कोर्ट को नोटिस का जवाब दिया। साथ एजेंसी को भी नोटिस भेजा, लेकिन एजेंसी संचालक ने कोई जवाब नहीं दिया। भुक्तभोगी ने जंगीपुर थाने जाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। बिना सत्यापन किए गाड़ी रिलीज करने पर पुलिस की गर्दन फंस गई है।

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