वाराणसी में मतांतरण की सूचना इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद पहुंची पुलिस, मामला निकला फर्जी
इंटरनेट मीडिया पर अमौली गांव के एक युवक का मतांतरण संबंधी फार्म वायरल होने पर किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो स्थानीय थाने की फोर्स के साथ एएसपी नीरज पांडेय उसके घर पहुंचे। युवक के भाई मां व ग्रामीणों ने ऐसी किसी बात से इन्कार किया।
वाराणसी, जेएनएन। इंटरनेट मीडिया पर अमौली गांव के एक युवक का मतांतरण संबंधी फार्म वायरल होने पर किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो स्थानीय थाने की फोर्स के साथ एएसपी नीरज पांडेय उसके घर पहुंचे। युवक के भाई, मां व ग्रामीणों ने ऐसी किसी बात से इन्कार किया। वहीं युवक की बात फोन पर पुलिस से हुई, जिसमें उसने कहा कि यह उसके खिलाफ साजिश है। इसमें कोई दम नहीं है। फिलहाल पुलिस युवक से आमने - सामने पूछताछ कर मामले को साफ करेगी।
फार्म के अनुसार अमौली गांव निवासी अमित कुशवाहा ने 15 फरवरी, 2020 को इस्लाम धर्म स्वीकार किया था। अमित की मां पुष्पा देवी के मुताबिक वह दो भाइयों में छोटा है। एमबीए करने के बाद वह शहर में तीन साल से एक निजी अस्पताल में काम करता है। घर पर कम आता है। वहीं, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अमित से शहर में मुलाकात होती रहती है और ऐसा नहीं लगा कि उसने मत परिवर्तन कर लिया है। कुछ ग्रामीणों ने यह भी आशंका जताई कि कहीं प्रेम विवाह के चक्कर में आकर मतातंरण तो नहीं कर लिया है। युवक के मुताबिक उसने सारी जानकारी एएसपी को दी है, जो भी फार्म सामने आया है वह पूरी तरह से फर्जी है। एएसपी नीरज पांडेय ने बताया कि युवक और उसकी मां ने मतांतरण को पूरी तरह अफवाह बताया है। युवक से आमने सामने बात करने के लिए पुलिस की एक टीम भेजी गई है। पूछताछ में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी ने बताया कि युवक शहर में किसी निजी अस्पताल में पर्ची बनाने का काम करता है। अभी उसकी शादी नहीं हुई है। अमौली ग्राम प्रधान के पति सोरू यादव ने भी इसे निराधार बताया।
जौनपुर के शाहगंज में मतांतरण कराने के लिए सक्रिय गिरोह के तार शाहगंज से भी जुड़े हो सकते हैं। वजह, धर्मांतरण का खेल क्षेत्र में भी चल रहा है। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा कि सबरहद गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों का धर्म परिवर्तन कराने का मामला एक माह पूर्व सामने आ चुका है। धर्म परिवर्तन करने वाले तीन सदस्य गायब हैं। पुलिस में मुकदमा तो लिख लिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। मतांतरण कराने के आरोपित मौलवी को पूछताछ के बाद पुलिस का छोड़ देना चर्चा का विषय है।सूबे में मूक- बधिर महिलाओं और कमजोर तबके के लोगों को भय व लालच झांसा देकर धर्मांतरण कराने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ तो सरकारी तंत्र सक्रिय हुआ।