गाजीपुर में 30 लाख रुपये फिरौती देने पहुंच गई पुलिस, बच्चे का वीडियो भेज कर मांगते थे फिरौती
अपहरण में गांव के ही तीन लोग अमजद अंसारी मु. कैश व मो. इकबाल शामिल थे जो घर के बाहर खेल रहे बच्चे को बिस्किट देने के बहाने बाहर तक लेकर गए थे। इसके बाद इंतजार कर रही अपहरणकर्ताओं की दूसरी टीम बच्चे को बाइक से लेकर फरार हो गई।
गाजीपुर, जेएनएन। दिलदारनगर थाना क्षेत्र के मिर्चा गांव निवासी तौकीर खां के चार वर्षीय पुत्र अब्दुल रहमान का न सिर्फ अपहरण फिल्मी अंदाज में हुआ था बल्कि गिरफ्तारी भी वैसे ही हुई। इस अपहरण में गांव के ही तीन लोग अमजद अंसारी, मु. कैश व मो. इकबाल शामिल थे, जो घर के बाहर खेल रहे बच्चे को बिस्किट देने के बहाने बाहर तक लेकर गए थे। इसके बाद इंतजार कर रही अपहरणकर्ताओं की दूसरी टीम बच्चे को बाइक से लेकर फरार हो गई। इसमें कुल आठ लोग शामिल थे और दो जगहों से काम करते थे। एक टीम के लोग बच्चे का वीडियो बनाकर स्वजन को भेजते थे और दूसरी टीम फिरौती मांगती थी। हालांकि पुलिस आठ में से सात को गिरफ्तार करने के साथ ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। इसका राजफाश पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। बताया कि एडीजी ने इसमें शामिल टीम को 25 हजार रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
बताया कि बच्चे चाचा तौहीद खां ने अपहण का मुकदमा दर्ज कराया था। बार-बार इनको अपहरणकर्ता फोन कर 40 लाख रुपये मांगते थे। काफी मान मनौव्वल पर 30 लाख पर माने। इसके बाद अपहरणकर्ताओं से हुई वार्ता के अनुसार गाजीपुर-चंदौली बार्डर पर एक टीम पहुंची और बच्चे को लेकर आई। इधर, अपहरणकर्ताओं द्वारा बताए गए स्थान पर दिलदारनगर पुलिस और स्वाट टीम डमी के रूप में एक अटैची लेकर पहुंची। बच्चे की सकुशल बरामदगी की सूचना मिलते ही टीम ने दिलदारनगर थाना क्षेत्र के अरंगी निवासी लालू अंसारी व विकास दुबे को दबोच लिया। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने सभी का नाम बताया।
इस पर मिर्चा निवासी अमजद अंसारी, मु. कैश, मो. इकबाल, अरंगी निवासी हसीब अहमद, जमानियां कोतवाली के नरियांव निवासी कैफ शेख को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि मिर्चा से अपहरण करने के बाद बच्चे को लेकर जमानियां के छोटू के यहां ले गए। यहां करंडा थाना क्षेत्र में आ गए और एक किराए के घर में रुके। यहां एक-दो दिन रहने के पश्चात वाराणसी चले गए। बताया कि इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को बिहार जाने के साथ ही कई दिन नक्सलीय क्षेत्रों में भी डेरा डाला गया। दिलदारनगर, स्वाट टीम और जमानियां पुलिस ने काफी सराहनीय कार्य किया है। इसपर एडीजी ने इन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा की है।