जौनपुर में पुलिस कर रही थी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की संपत्तिकुर्क करने की तैयारी, एमपी-एमएलए कोर्ट में किया सरेंडर
यूपी एसटीएफ की टीमें लखनऊ हैदराबाद के अलावा गृह जनपद जौनपुर में भी उनकी तलाश में जुटी थी। अन्य जिलों की पुलिस भी संभावित स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही थी। इसके साथ ही उनकी चल-अचल संपत्ति कुर्क किए जाने की भी प्रक्रिया शुरू की जा रही थी।
जौनपुर, जेएनएन। लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हुई सनसनीखेज हत्या के षड्यंत्रकारी के रूप में चिह्नित फरार जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित होते ही शुक्रवार को दोपहर में एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। यूपी एसटीएफ की टीमें लखनऊ, हैदराबाद के अलावा गृह जनपद जौनपुर में भी उनकी तलाश में जुटी थी। अन्य जिलों की पुलिस भी संभावित स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश दे रही थी। इसके साथ ही उनकी चल-अचल संपत्ति कुर्क किए जाने की भी प्रक्रिया शुरू की जा रही थी।
इसके पूर्व लाकडाउन के दौरान जिले में रंगदारी के लिए नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट के सशर्त जमानत मंजूर किए जाने पर पिछले साल 27 अगस्त को धनंजय सिंह जेल से रिहा हुए थे। लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शूटर गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डाक्टर के रिमांड के दौरान दिए गए बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर धनंजय सिंह को अजीत सिंह हत्याकांड में मुख्य षड्यंत्रकारी बनाया गया है। जमानत अर्जी के साथ धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट में खुद ही अपनी हिस्ट्रीशीट पेश की थी। हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामा में धनंजय ने हवाला दिया कि उनके विरुद्ध कुल 38 केस दर्ज हैं। इनमें से 24 में वह अदालत से बरी हो चुके हैं। एक मुकदमे में वह डिस्चार्ज हैं। चार मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। तीन केस सरकार की तरफ से वापस हो चुके हैं। धनंजय सिंह रारी से 2002 व 2007 में दो बार विधायक व जौनपुर से बसपा से 2009 में सांसद भी थे।
यह है धनंजय की संपत्ति
पुलिस के अनुसार धनंजय सिंह के लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर छह फ्लैट व मकान, दो फार्म हाउस, विभिन्न स्थानों पर स्टैैंड, गोमतीनगर में लैब, कई अवैध कंपनी, दिल्ली, जौनपुर, मऊ, वाराणसी, फतेहगढ़, बाराबंकी में कई मकान, फ्लैट, फार्म हाउस, झारखंड में कई स्थानों पर ईंट भटठे हैं।