बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में फ‍िरोज की नियुक्ति को लेकर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नवनियुक्त मुस्लिम शिक्षक प्रकरण को लेकर उठे विवाद को पीएमओ ने गंभीरता से लिया है।

By Edited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 02:03 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 09:30 AM (IST)
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में फ‍िरोज की नियुक्ति को लेकर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में फ‍िरोज की नियुक्ति को लेकर पीएमओ ने मांगी रिपोर्ट

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नवनियुक्त मुस्लिम शिक्षक प्रकरण को लेकर उठे विवाद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी गंभीरता से लिया है। इस मामले में जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब करने के साथ ही बीएचयू परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। विदेश यात्रा पर होने के बावजूद मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट लेकर प्राथमिक सूचना से पीएमओ को अवगत करा दिया है। विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन भेजेगा।

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्ति के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर जयपुर निवासी डा. फिरोज खान को बीएचयू प्रशासन ने पांच नवंबर को पत्र जारी किया। छह नवंबर को डा. फिरोज संकाय पहुंचे और पदभार ग्रहण किया। वहीं, सात नवंबर से उनके विरोध में छात्रों ने धरना शुरू कर दिया जो अब तक जारी है। समूचे प्रकरण की जानकारी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय को हुई तो जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की गई। जिले में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा की अनुपस्थिति में अधीनस्थ अधिकारी घबरा गए। उन्होंने पीएमओ से रिपोर्ट मांगने की जानकारी मंडलायुक्त को दी। साथ ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी चंद्रशेखर से पूरे मामले की जानकारी लेकर मंडलायुक्त को भी अवगत कराया।

फिरोज खान के विरोध में धरना जारी, समर्थन में पहुंचे अविमुक्तेश्वरानंद बीएचयू स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कुलपति आवास के सामने सात नवंबर से चल रहे धरने का समर्थन करते हुए गुरुवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धरनारत छात्रों से मिलने पहुंचे। छात्रों से बातचीत के बाद उन्होंने विरोध को जायज ठहराया। कहा सनातन धर्म की रक्षा के लिए मालवीय जी ने जिस विभाग की स्थापना की थी उसमें किसी गैर हिंदू का प्रवेश नहीं होना चाहिए। यह किसी मुसलमान का विरोध नहीं है, बल्कि 'धर्म विज्ञान संकाय' में एक गैर ¨हदू की नियुक्ति का विरोध है।

पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। कहा कि बिना अनुभव किए सिर्फ किताबें पढ़कर या सुनकर कोई ज्ञानी नहीं हो सकता। जो व्यक्ति केवल पढ़ा है उन्हें शब्द पूरे पता हो सकते हैं, लेकिन शब्दों के अर्थ वे नहीं जानते। ऐसे में भला उपदेश कैसे देंगे। पूरे मामले में बस यही कहना है कि मेधावी, जिसने न सिर्फ पुस्तकें पढ़ी हों बल्कि अपने जीवन में उतारा भी हो और अनुभव किया हो उसे ही नियुक्ति करना चाहिए। इसमें हिंदू-मुसलमान का सवाल ही नहीं है। वहीं धरनारत छात्रों के मुताबिक यह समझने की जरूरत है कि 'संस्कृत विद्या' कोई भी किसी भी धर्म का व्यक्ति पढ़ और पढ़ा सकता है, लेकिन 'धर्म विज्ञान' की बात जब कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति करे तो विश्वसनीयता नहीं रह जाती।

अगर यही नियुक्ति विवि के किसी अन्य संकाय में संस्कृत अध्यापक के रूप में होती तो विरोध नहीं होता। खुला संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय का ताला - विवि प्रशासन संग संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की वार्ता के बाद गुरुवार दोपहर बाद संकाय का ताला 15वें दिन खुला। शैक्षणिक कार्यो में जहां शिक्षकगण व्यस्त हो गए, वहीं सेमेस्टर परीक्षा को लेकर संकाय प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र ने शिक्षकों संग बैठक की। प्रो. मिश्र ने कहा कि संकाय के शिक्षक अपने कार्यो में लग गए हैं। छात्रों का धरना कब खत्म होगा, कब नहीं इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।

ट्वीट ने मचाया हंगामा - दाेपहर बाद करीब 3.25 बजे विवि प्रशासन की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि छात्रों ने धरना समाप्त कर दिया है और संकाय भी खुल गया है। वहां जाकर देखने पर संकाय तो खुला मिला लेकिन वीसी आवास के बाहर छात्रों का धरना जारी रहा। छात्रों ने विवि के ट्वीट को झूठा करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। इस पर विवि ने तत्काल अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। अगले ट्वीट में विवि की ओर से सिर्फ यह जानकारी दी गई कि संकाय खुल गया है।

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