Gulabi Meenakari Chess Set : पीएम ने अमेरिका में वैश्विक नेताओं को भेंट किया वाराणसी का अनोखा शतरंज, जानें- इसकी खासियत

Gulabi Meenakari Chess Set पीएम मोदी ने वीपी हैरिस को गुलाबी मीनाकारी शतरंज का सेट भी भेंट किया। गुलाबी मीनाकारी का शिल्प काशी की परंपरा से जुड़ा हुआ है दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक बनारस में गुलाबी मीनाकारी का काम भी काफी पुराना है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:58 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:35 PM (IST)
Gulabi Meenakari Chess Set : पीएम ने अमेरिका में वैश्विक नेताओं को भेंट किया वाराणसी का अनोखा शतरंज, जानें- इसकी खासियत
वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है, लिहाजा पीएम ने हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादों को अमेरिकों में भेंट किया है।

वाशिंगटन/वाराणसी,  जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और क्वाड नेताओं को वाराणसी में निर्मित अनोखा उपहार दिया। एक आयोजन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उनके दादा, पीवी गोपालन से संबंधित पुरानी सूचनाओं की एक प्रति लकड़ी के हस्तशिल्प के फ्रेम में भेंट की। पीवी गोपालन देश के एक वरिष्ठ और सम्मानित सरकारी अधिकारी थे जिन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया।

पीएम मोदी ने वीपी हैरिस को गुलाबी मीनाकारी शतरंज का सेट भी भेंट किया। गुलाबी मीनाकारी का शिल्प काशी की परंपरा से जुड़ा हुआ है, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक बनारस में गुलाबी मीनाकारी का काम भी काफी पुराना है। बताते चलें कि वाराणसी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। इस विशेष शतरंज सेट पर प्रत्येक टुकड़े पर विशेष रूप से दस्तकारी की गई है। इसमें शा‍मिल चटख रंग काशी की जीवंतता को दर्शाते हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन को एक चांदी का गुलाबी मीनाकारी जहाज उपहार में दिया गया था। यह जहाज भी विशिष्ट रूप से दस्तकारी और रंग में चमक वाला है। यह शाश्वत काशी की गतिशीलता को दर्शाता है।

वहीं भारत और जापान को एक साथ लाने में बौद्ध धर्म एक बड़ी भूमिका निभाता है। भगवान बुद्ध के विचार और विचार जापान में दूर-दूर तक गूंजते हैं। कही कड़ी में पीएम ने जापानी प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा को एक चंदन की बुद्ध प्रतिमा भेंट की गई। वाराणसी में सारनाथ भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली होने की वजह से चंदन की प्रतिमा भी वाराणसी निर्मित है। बताते चलें कि पीएम मोदी क्वाड लीडर्स समिट में भाग लेने और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करने के लिए तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं। 

शतरंज की रंगबिरंगी बिसात : अमूमन परंपरागत शतरंज के बोर्ड पर काले और सफेद रंग की सेना के प्रतीक राजा, मंत्री, हाथी, घोड़ा और ऊंट के अलावा प्‍यादे यानि सैनिक होते रहे हैं। मगर, पीएम ने जिस गुलाबी मीनाकारी वाले शतरंज को भेंट किया है उसमें काले की जगह नीला और सफेद की जगह हरा रंग का प्रयोग किया गया है। बेशकीमती लकड़ी के फ्रेम पर शतरंज का बोर्ड काले और सफेद की जगह काला और पीले रंग का प्रयोग किया गया है। सेंट्रल कार्टेज इंडस्ट्रियल इंपोरियम (सीसीआइसी, दिल्‍ली) के जरिए यह पीएमओ को भेजा गया था। इसे वाराणसी के कुंज बिहारी सिंह, राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्राप्‍त मीनाकारी कलाकार की ओर से विशेष आर्डर पर तैयार करके भेजा गया था। हजारों रुपये कीमत के यह शतरंज का सेट पूरी तर‍ह हाथ से निर्मित है। इसमें बेस पर गुलाबी मीनाकारी का रिंग बनाने के साथ ही किरदारों को भी गुलाबी रंगत से चटख किया गया है। कुल मिलाकर यह शतरंज संग्रहणीय सेट है। 

गुलाबी मीनाकारी की पहचान : इसके पूर्व भी फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमैनुअल मैक्रां वाराणसी अपनी पत्‍नी के साथ आए थे तो ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में गुलाबी मीनाकारी का एक शानदार झुमका भेंट किया था। वाराणसी का यह जीआइ टैग प्राप्‍त उत्‍पाद विश्‍व भर में अपनी अनोखी पहचान रखता है। इस कला को वाराणसी के कारीगारों ने पुश्‍त दर पुश्‍त सदियों से सहेज रखा है। 

राजे-रजवाड़ों के समय से मांग में रही गुलाबी मीनाकारी : पुराने समय में राजे-रजवाडों के मुकुट,और रत्‍नजड़‍ित आभूषण पहनने के चलन ने इस कला को बढ़ावा द‍िया। मुगलकाल में यह कला काशी नगरी में समृद्ध हुई। आभूषणों, सजावटी सामान विशेषकर हाथी, घोड़े, ऊंट, चिड़िया, मोर व सोने-चांदी के बर्तनों आदि पर की जाने लगी। पहले विशेष रंगों के स्टोन का बारीक पाउडर बनाया जाता है, फिर उसे अनार के दानों से तैयार गोंद में मिलाकर आभूषणों पर पेंट किया जाता है। पेंट सूखने के बाद आभूषण को भट्ठी में 1000 डिग्री के तापमान पर गर्म किया जाता है।

व‍िशेष गुलाबी रंग के चलते पड़ा नाम : सोना व अन्य धातुओं से तैयार पाउडर जर्मनी से मंगाए जाते हैं, जो करीब 400 रूपये प्रति ग्राम की दर से मिलता है। स्लेटी रंग के इस पाउडर को स्टोन पाउडर की तरह ही अनार के सूखे दाने से तैयार गोंद में मिलाकर आभूषणों पर पेंट किया जाता है। भट्ठी में सावधानीपूर्वक तपाने से इसका रंग गुलाबी हो जाता है।

जापान संग अनोखे संबंध : भारत और जापान के बीच बुद्ध का होना एक पुल सरीखा संबंध रहा है। पूर्व में जापान के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे वाराणसी में गंगा आरती करने वाराणसी आ चुके हैं। इस दौरान जापान और भारत के संबंधों के प्रतीक रुद्राक्ष कन्‍वेंशन सेंटर को भी काशी को समर्पित किया गया था। अमेरिका में पीएम नरेंद्र मोदी ने चंदन की लकड़ी से निर्मित भगवान बुद्ध की मूर्ति को जापान के पीएम योशीहिदे सुगा को भेंट किया है। दरअसल भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ भी जापान के लोगों के बीच चर्चित धार्मिक स्‍थल के तौर पर जाना जाता है। जापानी लोग भी सारनाथ भ्रमण के लिए खूब आते रहे हैं। वहीं जापानी स्‍थापत्‍य कला वाले मंदिर सारनाथ में काफी चर्चित हैं, जबकि रुद्राक्ष कन्‍वेंशन सेंटर में भी जापानी स्‍थापत्‍व कला के प्रतीकों की कोई कमी नहीं है। 

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