गंगा में दो अत्‍याधुनिक नौकाओं को PM दिखा सकते हैं इसी माह हरी झंडी, जानिए क्‍या मिलेंगी सुविधाएं

जल्द ही रो-पैक्स नाव गंगा नदी पर तैरने लगेंगी। गंगा नदी में यह सेवा उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रहा है। योजना का मुख्‍य उद्देश्य स्थानीय और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है इसके अलावा शहर में एक और पर्यटन का आकर्षण इसके जरिए जुड़ जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 01:42 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:26 PM (IST)
गंगा में दो अत्‍याधुनिक नौकाओं को PM दिखा सकते हैं इसी माह हरी झंडी, जानिए क्‍या मिलेंगी सुविधाएं
काशी में जल यातायात और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही रो-पैक्स नाव गंगा नदी पर तैरने लगेंगी।

वाराणसी, आइएनएस। काशी में जल यातायात और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही रो-पैक्स नाव गंगा नदी पर तैरने लगेंगी। गंगा नदी में यह सेवा उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रहा है। योजना का मुख्‍य उद्देश्य स्थानीय और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है, इसके अलावा शहर में एक और पर्यटन का आकर्षण इसके जरिए जुड़ जाएगा। रो-पैक्स (रोल-ऑन-रोल-ऑफ पैसेंजर शिप) जहाज डबल एंडेड फेरी सेवा है। जहाजों को ऐसी व्यवस्था से सुसज्जित किया गया है कि वाहन भी जहाजों पर चढ़कर जा सकते हैं। वहीं वाहनों को लोड करने के लिए इसमें किसी भी प्रकार के क्रेन की आवश्यकता नहीं होगी। इससे आने वाले पर्यटन सीजन में काशी में गंगा की लहरों पर पर्यटन को गति मिलेगी।

दो रो-पैक्स नौकाएं - एमवी स्वामी विवेकानंद और एमवी सैम मानेकशा नाम की नौकाएं पहले ही शहर में आ चुकी हैं। इस बाबत जिले के एक अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभवत: 30 या 31 अक्टूबर को दोनों नौकाओं को हरी झंडी दिखा सकते हैं, वहीं इस तिथि को सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी आ रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पर्यटन विभाग नौकाओं का संचालन करेगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार "दो रो-पैक्स नौकाएं वाराणसी में पहले ही आ चुकी हैं। पर्यटन विभाग ने आरओ-पैक्स जहाजों के संचालन में रुचि दिखाई है। बताया कि इस बाबत बातचीत हो चुकी है और अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के बीच समझौता ज्ञापन हो चुका है। इस बाबत राकेश कुमार, उप निदेशक, आईडब्ल्यूएआई, वाराणसी ने बताया कि पर्यटन विभाग से जल्‍द ही समझौता हो जाएगा।

एक रो-पैक्स जहाज एक समय में लगभग 200 यात्रियों और चार चार पहिया वाहनों को ले जाने की क्षमता वाला है। यह यात्रियों के लिए सभी आवश्यक अौर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इन जहाजों के संचालन के लिए एक प्रस्ताव पत्र आईडब्‍ल्‍यूएआई से एक महीने पहले प्राप्त हुआ था। इसके बाद, जिला प्रशासन ने पर्यटन विभाग को यह पता लगाने के निर्देश दिए कि गंगा नदी में जहाजों का संचालन संभव है या नहीं। उन्होंने कहा कि "दो दिनों के भीतर, पर्यटन विभाग ने इस बाबत अपनी मंजूरी दे दी। इसके बाद जिला प्रशासन ने भी अपनी सहमति दे दी और संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में एक पत्र भेजा है।

वहीं इस कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "रो पैक्‍स नौकाओं के संचालन के लिए आइडब्‍ल्‍यूएआइ से एक प्रस्ताव पत्र प्राप्त हुआ था। उसी के लिए सहमति दी गई है और आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाता है, पर्यटन विभाग पीपीपी मोड पर जहाजों के संचालन के लिए प्रक्रिया शुरू कर देगा।

वहीं दूसरी ओर वाराणसी में पर्यटन विभाग ने पहले ही जहाजों के संचालन की योजना बना ली है। शुरू में ये नौकाएं संत रविदास घाट से गंगा में चुनार के किले तक और संत रविदास घाट से क्रीसेंट मून के रूप में गंगा और गोमती के संगम के पास घाट तक संचालित होंगी, जहां पर्यटक डॉल्फ़िन की एक झलक पा सकते हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, कीर्तिमान श्रीवास्तव ने कहा कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में, जहाजों के संचालन की योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है। एमओयू साइन होने के तुरंत बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिचालन जहाजों से वाराणसी और उसके आसपास आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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