मार्च के अंत से ओलंपिक मेडल के लिए पांच चरण में चुने जाएंगे खिलाड़ी, पूर्वांचल के प्‍लेरर्स में काफी दम खम

एक एथलीट जिला मंडल और राज्य में खेलकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता तो फतह कर लेता है मगर उसके बाद वह नौकरी में आकर जीवन व्यतीत करने लगता है। प्रतिभा होने के बावजूद वह वित्तीय और भावनात्मक प्रोत्साहन के अभाव में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जाने में विफल हो जाता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 06:10 AM (IST)
मार्च के अंत से ओलंपिक मेडल के लिए पांच चरण में चुने जाएंगे खिलाड़ी, पूर्वांचल के प्‍लेरर्स में काफी दम खम
मार्च के अंत से ओलंपिक मेडल के लिए पांच चरण में चुने जाएंगे खिलाड़ी।

वाराणसी, जेएनएन। एक एथलीट जिला, मंडल और राज्य में खेलकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता तो फतह कर लेता है, मगर उसके बाद वह नौकरी में आकर जीवन व्यतीत करने लगता है। प्रतिभा होने के बावजूद वह वित्तीय और भावनात्मक प्रोत्साहन के अभाव में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जाने में विफल हो जाता है। अब ऐसे खिलाडिय़ों को ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में मेडल लाने का सपना पूरा होगा।

बंगलुरु में पिछले दिनों खेल भावना और प्रतिभा को निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय बास्केटबाल खिलडिय़ों में शुमार बनारस की सिंह सिस्टर्स ( प्रशांति सिंह, प्रतिमा सिंह, दिव्या सिंह और आकांक्षा सिंह) की जर्सी पांच लाख रुपये में नीलाम हुई। लियोनेल मेसी, डिएगो मैरीडोना, विराट कोहली, शिखर धवन, रोजर फेडरर, उसैन बोल्ट, दीपा करमाकर, पुलेला गोपीचंद आदि की खेल सामग्रियां 75 लाख में नीलाम हुईं। इस धनराशि को गो स्पोट्र्स फाउंडेशन द्वारा ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों में मेडल की चाहत रखने वाले खिलाडिय़ों पर खर्च किया जाएगा। इस फाउंडेशन ने ही भारत की पहली महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर, मोहम्मद अनस, व विस्मय समेत अन्य खिलाडिय़ों को अपना खेल प्रदर्शन बेहतर रखने के लिए वित्तीय व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई थी। आकांक्षा सिंह ने दैनिक जागरण से दूरभाष पर बताया कि काशी समेत पूरे पूर्वांचल के खिलाडिय़ों में काफी दम खम है जो मेडल लाने की कुव्वत रखते हैं। ये खिलाड़ी संसाधनों के अभाव में बड़ी प्रतियोगिता से पहले हालात के शिकार हो जाते हैं, इसी कारण से इनकी मदद के लिए गो स्पोट्र्स फाउंडेशन के साथ सहमति बनाकर नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लिया।

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