मीरजापुर में पाॅली हाउस से मिलेगा लंगड़ा, चौसा और दशहरी समेत अन्य प्रजातियों के पौधे

पटेहरा विकास खंड के बगल में मृत पड़े उद्यान विभाग की नर्सरी में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से निर्मित पाली हाउस अब रंग लाने लगा है। उद्यान में इस समय विभाग ने अपना पूरा दम खम निकाल कर रख दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 08:50 AM (IST)
मीरजापुर में पाॅली हाउस से मिलेगा लंगड़ा, चौसा और दशहरी समेत अन्य प्रजातियों के पौधे
उद्यान विभाग की नर्सरी में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से निर्मित पाली हाउस अब रंग लाने लगा है।

मीरजापुर, जेएनएन। पटेहरा विकास खंड के बगल में मृत पड़े उद्यान विभाग की नर्सरी में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से निर्मित पाली हाउस अब रंग लाने लगा है। उद्यान में इस समय विभाग ने अपना पूरा दम खम निकाल कर रख दिया है। 

उद्यान में कलमी आम में दशहरी, लंगड़ा और चौसा, अमरूद में इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ 49 और लालिमा, नीबू कलमी में कागजी, अजवाइन, एलोवेरा, जामुन, कटहल, सहजन, करौदा, आंवला फूलों में गुलाब के साथ अन्य कई प्रजातियों के लिए अब किसानों को दूर दराज भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें अब बगल ही उद्यान विभाग के पाली हाउस से तमाम अजनबी पौधे मिल जाएंगे। इसके लिए किसानों को पहले तो पौध महंगे दामों में नकली मिलते थे, लेकिन अब असली पौध कम खर्च में बगैर झंझट के बगल की नर्सरी से मिल सकेंगे। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में लाखों की लागत से तैयार पाली हाउस और श्रमिकों के रोजगार मिलने से उनके श्रम अब दिखने लगे है। वैसे भी यहां के पहले से लगाए अमरूद के फल बेमिसाल थे ङ्क्षकतु धनाभाव में यह नर्सरी मृत अवस्था में हो गई थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी उद्यान विभाग के दिख रहे करतब

गरीब कल्याण योजना से मिले किसानों को सहयोग से विकास खंड में अमोई, कचरिया, टौआ टोला के किसानों की सब्जी अब जनपद क्या जनपद से बाहर भी दिखने लगी है। सब्जियों में गोभी, टमाटर, मटर, भांटा, मिर्चा मजे से किसान नई तकनीक से उगा कर अपनी आय बढ़ाकर मालामाल हो रहे है।

नर्सरी में संसाधन व बजट की कमी को दूर किया गया है। नए तकनीक से पौध पाली हाउस में तैयार कराए जा रहे है। मडि़हान तहसील के पटेहरा और राजगढ़ के किसानों को उद्यान विभाग आय दोगुनी से भी अधिक बढ़ाने के लिए केला और पपीता की खेती कराने का हुनर सिखाएगा। जल्द ही इस क्षेत्र को केला और पपीता के लिए जाना जाएगा। पटेहरा का गुलदस्ता लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े नगरों में अपनी पहचान बना लिया है। - मेवाराम, जिला उद्यान अधिकारी। 

chat bot
आपका साथी