Petrol Diesel Prices : वाराणसी में 95 के पार पहुंचा पेट्रोल, डीजल 90 रुपये के करीब

एक ओर जहां सोना-चांदी गोते लगा रहे हैं वहीं पेट्रोलियम पदार्थों के भाव आसमान की ओर बढ़ते जा रहे हैं। पेट्रोल अपनी पिच पर बैटिंग करते हुए शतक के करीब पहुंचा गया है तो डीजल भी अपने शतक से महज 10 रन ही दूर हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 12:01 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 04:26 PM (IST)
Petrol Diesel Prices : वाराणसी में 95 के पार पहुंचा पेट्रोल, डीजल 90 रुपये के करीब
वाराणसी में पेट्रोल अपनी पिच पर बैटिंग करते हुए शतक के करीब पहुंचा गया है।

वाराणसी, जेएनएन। एक ओर जहां सोना-चांदी गोते लगा रहे हैं वहीं पेट्रोलियम पदार्थों के भाव आसमान की ओर बढ़ते जा रहे हैं। पेट्रोल अपनी पिच पर बैटिंग करते हुए शतक के करीब पहुंचा गया है तो डीजल भी अपने शतक से महज 10 रन ही दूर हैं। यानी शनिवार की रात के बाद पेट्रोल भाव 95 रुपये प्रति लीटर को पार करते हुए 95.15 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया। वहीं डीजल का भाव भी 90 रुपये से मात्र 95 पैसे दूर अब 89.05 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। अगर ऐसे ही रेट के बढ़ाव में गति जारी रही तो जल्द ही पेट्रोल का भाव 100 रुपये तक पहुंच सकता है जैसा के राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों में तीन-चार माह पहले ही हो गया था।

वैसे कोरोना की दूसरी पहल से पहले पिछले कई माह से पेट्रोल का भाव 89 रुपये कुछ पैसे प्रति लीटर पर ही अटका रहा। कोरोना के मामले कम होते ही 23 मई को काशी में पेट्रोल का भाव 91 रुपये प्रति लीटर को भी पार कर लिया है। यही नहीं डीजल भी शनिवार की रात से ही 85 रुपये प्रति लीटर से ऊपर उठ गया है। इसके बाद इसके बढ़ाव जारी रहा। भले ही किसी दिन भाव स्थिर रहा हो लेकिन घटा नहीं।

पेट्रोलियम पदार्थ डीलर एसोसिएशन की प्रवक्ता एवं किसान सेवा केंद्र नियरडीह की अधिष्ठाता मनीषा जैन बताती हैं कि पेट्रोलियम पदार्थाें का भाव हाल के कुछ दिनों में बढ़ना शुरू हुआ है। इससे पहले फरवरी से मई की शुरूआत तक पेट्राल का भाव लगभग स्थिर हो गया था। अब जिस तरह से मूल्य में बढ़ाव रहा है इससे लग रहा है कि पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकता है। हालांकि पेट्रोल का भाव फरवरी से ही कई राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक में बिक रहा है। उधर, पेट्रोलियम पदार्थों के भाव बढ़ने से अन्य सभी पदार्थों के दाम भी बढ़ गये हैं। कारण कि ट्रांपोटेशन भी बढ़ गया है।

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