चंदौली जिले में मनरेगा से होंगे व्यक्तिगत काम, 7427 गरीबों के खोदे जाएंगे तालाब
मनरेगा के जरिए गरीबों व अतिनिर्धन परिवारों के व्यक्तिगत काम कराए जाएंगे। उनके खेतों में तालाब की खोदाई गोशाला बकरी शेड नेडेफ वर्मी कंपोस्ट मेड़बंदी खेल समतलीकरण आदि कार्य कराया जाएगा। इन कार्यों में परिवार के लोगों को काम करने का मौका मिलेगा।
चंदौली, जेएनएन। मनरेगा के जरिए गरीबों व अतिनिर्धन परिवारों के व्यक्तिगत काम कराए जाएंगे। उनके खेतों में तालाब की खोदाई, गोशाला, बकरी शेड, नेडेफ, वर्मी कंपोस्ट, मेड़बंदी, खेल समतलीकरण आदि कार्य कराया जाएगा। इन कार्यों में परिवार के लोगों को काम करने का मौका मिलेगा। उन्हें मनरेगा से मजदूरी मिलेगी। एक व्यक्ति का अधिकतम दो लाख तक का काम होगा। शासन से जिले के 7427 लाभार्थियों की सूची भेजी गई है। प्रशासन इनके सत्यापन में जुटा है। 20 सितम्बर तक सत्यापन पूरा करने का निर्देश है। इसके बाद काम शुरू कराया जाएगा।
जानिए किस ब्लाक में कितने लाभार्थी : अतिनिर्धन परिवारों को व्यक्तिगत योजना का लाभ के लिए ब्लाकवार लाभार्थियों का चयन किया गया है। बरहनी ब्लाक में 692, चहनियां 442, चकिया 1697, सदर 506, धानापुर 512, नौगढ़ 747, नियामताबाद 562, शहाबगंज 1359, सकलडीहा में 910 लाभार्थी शामिल हैं। इनके आनलाइन सर्वे का काम चल रहा है। पात्रों की सूची शासन को भेजी जाएगी।
लाभार्थियों की बनवाई जाएगी आइडी : लाभार्थी परिवारों की मनरेगा के जरिए आइडी बनवाई जाएगी। इसके अनुसार ही काम कराया जाएगा। अधिकतम दो लाख तक काम ग्राम पंचायतों के मद से कराया जाएगा।लाभार्थी अपने खेत में तालाब खोदाई समेत अन्य कार्य खुद करेंगे।इसके बदले उन्हें मनरेगा मजदूरी मिलेगी। शासन का मानना है कि लाभार्थियों से खुद उनका काम कराने से कार्य की गुणवत्ता बरकरार रहेगी। वहीं रोजगार भी मिलेगा।
कराए जाएंगे विभिन्न कार्य : दरअसल, तमाम छोटे किसान हैं, जिनके पास जमीन तो है, लेकिन
माली हालत ठीक न होने की वजह से चाहकर भी काम नहीं करा पाते हैं। शासन ने ऐसे ही लाभार्थियों को लााभान्वित करने की योजना बनाई है। उनका नेडेफ, बर्मी कंपोस्ट यूनिट, सोखता गड्ढा, मेड़बंदी, खेत तालाब, बकरी शाला, गोशाला और मुर्गियों को रखने के लिए शेड और जाली आदि लगवाने का काम किया जाएगा। पहल से गरीबों को काफी मदद मिलेगी।
जल्द सत्यापन पूरा करने का निर्देश : उपायुक्त मनरेगा धर्मजीत सिंह ने बताया कि लाभार्थियों की सूची शासन से मिली है। उनका सत्यापन कराया जा रहा है। अधिकारियों-कर्मचारियों को जल्द सत्यापन का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। पारदर्शिता के साथ योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।