साइबर जालसाजी से बचने के लिए अभियान चलाकर लोगों को करेंगे जागरूक, आइजी विजय सिंह मीना पहुचें साइबर थाने में

साइबर जालसाजी से बचने के लिए साइबर क्राइम थाना अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने जा रहा हैं। जालसाज मदद करने के बहाने कार्ड बदल ले रहें हैं उनसे सावधान रहें। एटीएम के आसपास कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो पुलिस को सूचना दें।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 12:20 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 01:34 PM (IST)
साइबर जालसाजी से बचने के लिए अभियान चलाकर लोगों को करेंगे जागरूक, आइजी विजय सिंह मीना पहुचें साइबर थाने में
गुरुवार को आइजी विजय सिंह मीना साइबर थाने भी पहुंचे थे।

वाराणसी, जेएनएन। साइबर जालसाजी से बचने के लिए साइबर क्राइम थाना अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने जा रहा हैं। जालसाज मदद करने के बहाने कार्ड बदल ले रहें हैं उनसे सावधान रहें। एटीएम के आसपास कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो पुलिस को सूचना दें। बैंक, बीमा कंपनी, टेलीकॉम कंपनी, लकी ड्रा, बोनस आदि के नाम पर आने वाले फोन काल पर कोई भी जानकारी न दें। यह बातें गुरुवार को साइबर थाना प्रभारी राहुल शुक्ला ने बताया कि साइबर क्राइम की घटना होने पर सबसे पहले बैंक के टोल फ्री नंबर पर फोन कर खाते पर रोक लगवाएं। इसके तुरंत बाद बैंक जाकर पासबुक प्रिंट कराएं। प्रार्थना पत्र के साथ बैंक पासबुक प्रिंट और एटीएम कार्ड का 16 अंक लिखकर थाने  में 24 घंटे के भीतर सूचित करें। गुरुवार को आइजी विजय सिंह मीना साइबर थाने भी पहुंचे थेउन्‍होंने भी साइबर जालसाजी से बचने के उपाय के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कहा।

ओएलएक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ऐसे होती है ठगी, रहें सावधान

ओएलएक्स या अन्य साइटों पर जो लोग अपने सामान (वाहन, मोबाइल इत्यादि ) बेचने के लिए डालते हैं उन पर साइबर अपराधी नजर बनाए रखते हैं। वह सामान खरीदने की बात करते हैं और रुपये को बैंक में ट्रांसफर करने में असमर्थता जाहिर करते हुए फोन-पे, एनीडेस्क, गूगल-पे, पेटीएम आदि से रुपए भेजने की बात करके लोगों को फंसाते हैं और ऐप डाउनलोड करा कर सामान के कीमत के बराबर रुपए भेजने का लिंक भेजते हैं जिसे खोलते ही खाते से सारी धनराशि जालसाओं के खाते में चली जाती है।

इस तरह से भी लोगों को फंसा रहे हैं जालसाज

फेसबुक में टू स्टेप वेरीफिकेशन चालू रखना जरूरी है। साइबर जालसाज फेसबुक, इंस्टाग्राम व अन्य आईडी हैक कर फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को मैसेंजर के माध्यम से गंभीर समस्या जैसे अचानक तबीयत खराब, दुर्घटना होना आदि लिखकर भेजते हैं और रुपये की मांग करते हैं तथा खुद को अस्पताल या आईसीयू में भर्ती बताकर बात करने में असमर्थता जाहिर करते हैं जिससे लोग सही मानकर सहायता हेतु तत्काल रुपये भेज देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

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