दैनिक जागरण डांडिया उत्सव-2019 में जब ओस से भीगी शाम तो झूमा पूरा शहर डांडिया को थाम
पर्व उत्सवों के रसिया शहर बनारस में नवरात्र बीतने के पांच दिन बाद भी दुर्गोत्सव का चटख रंग दिलों में आबाद नजर आया।
वाराणसी, जेएनएन। पर्व उत्सवों के रसिया शहर बनारस में नवरात्र बीतने के पांच दिन बाद भी दुर्गोत्सव का चटख रंग दिलों में आबाद नजर आया। शरद पूर्णिमा की चटक चांदनी और ओस से भीगी शाम में गूंजे एक से एक तराने। इस पर हाथों में डांडिया थामे खूब झूमे मस्ताने।
आसमान से अमृत रस की बरसात की मान्यता वाली खास तिथि पर यह अवसर उपलब्ध कराया सामाजिक सरोकारों से जुड़े अखबार दैनिक जागरण ने डांडिया उत्सव-2019 के जरिए। इसके लिए शाम के साथ छावनी क्षेत्र के मल्टी परपज ग्राउंड में मानो पूरा शहर ही उमड़ आया। युगल जोड़े तो बड़े-बुजुर्गो ने भी झिझक के बंधन तोड़े और किशोरवय बच्चों ने भी दोस्तों संग खूब डांडिया चटकाया।
पार्श्व गायिका मोना भट्ट ने इसमें सुरों का जादू जमकर घोला। इसका असर हर आयु वर्ग के सिर चढ़कर बोला। शक्ति की अधिष्ठात्री जगदंबा को समर्पित नृत्य हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम.. आदि गीतों के साथ उन्हें ही समर्पित किया। मधुवन में कन्हैया किसी गोपी से मिले.. जैसी स्वर लहरियों पर झूमते हुए शरद पूर्णिमा पर रास रचैया नटवर नागर को भी महसूस लिया। नए पुराने फिल्मी तरानों ने भी गजब ढाया। ढलती शाम और चढ़ती रात के साथ चेहरों पर उमंग-उल्लास का दायरे ने पूरा विस्तार पाया।
आसमान में चंद्रमा और जमीं पर सितारों के झिलमिल करने का अहसास भी कराया। इसमें एंकर कुसुम पांडेय ने उत्साह के रंग भरे तो बच्चों को भी अपने अंदाज से रिझाया। गायक महबूब ने भी गीतों से कहर ढाया। तरोताजा हो उठा बनारस का रस आइजी विजय सिंह मीणा ने बतौर मुख्य अतिथि दीप जलाकर डांडिया उत्सव का उद्घाटन किया।
दैनिक जागरण के प्रयास को सराहा और कहा ऐसे प्रयास से बनारस का असल रंग चटख हो जाता है। दैनिक जागरण के निदेशक वीरेंद्र कुमार ने स्वागत किया और वरिष्ठ समाचार संपादक मुकेश कुमार, जीएम डा. अंकुर चढ्डा, एरिया सेल्स मैनेजर संदीप शर्मा, मार्केटिंग मैनेजर शैलेंद्र सिंह ने भी ज्योति रोशन की।