बीएचयू में मरीज की मौत के बाद लापरवाही का आरोप लगाकर किया तोड़फोड़
बीएचयू अस्पताल में मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिवार वालों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए आइसीयू में हंगामा और तोड़फोड़ कर दिया।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू अस्पताल में मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिवार वालों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए एसीयू में हंगामा और तोड़फोड़ कर दिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बीएचयू चौकी प्रभारी जगदीश प्रसाद शुक्ला ने किसी तरह लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया। वहीं मरीज की मौत होने की जानकारी के बाद से ही मौके पर पहुंचे परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। बताया कि मरीज जब दस दिन पहले ही ठीक हो चुका था तो अचानक उसकी मौत कैसे और किन वजहों से हो गयी अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए।
पांडेयपुर के रहनेवाले शम्भू श्रीवास्तव का बेटा राहुल श्रीवास्तव एक महीने पहले कोरोना वार्ड में भर्ती हुआ था। आरोप है कि 10 दिन पहले रिपोर्ट निगेटिव आ गयी लेकिन कोरोना वार्ड से मुख्य अस्पताल में न तो शिफ्ट किया गया और न ही उसे डिस्चार्ज किया गया। शनिवार की रात बिना किसी को बताए अस्पताल के मुख्य भवन के छठवीं मंजिल पर आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया जहां रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे मौत हो गई। जबकि पिता और परिवारीजनों का कहना है कि शनिवार को राहुल सबसे बात करके कहा कि सोमवार को छुट्टी हो जाएगी। लेकिन रात में अचानक एसीयू में जाते ही ऐसा क्या हुआ कि राहुल की मौत हो गयी। परिजनों आरोप था कि मरीज के बारे में मौके पर कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया जिसकी वजह से परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। पूर्व में भी बीएचयू में मरीजों की देखरेख न होने का आरोप लगने के बाद सीएम ने भी दो मरीजों की मौत का संज्ञान लेने के बाद आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।
बीएचयू प्रशासन ने परिवार के खिलाफ दी तहरीर
बीएचयू अस्पताल की तरफ से सुपरवाइजर के एन सिंह ने पुलिस को तहरीर दिया है कि मृतक राहुल के परिवार वाले अस्पताल की संपत्ति तोड़फोड़ किये हैं और उनके कृत्य से अन्य मरीजों को भी काफी दिक्कत हुई है। इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने कहा कि जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. इसके माथुर ने बताया कि मरीज शुरू से ही वेंटिलेशन पर था। कोरोना पॉजिटिव आने पर भी उसको वेंटिलेटर पर ही रखा गया था। उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उसकी स्थिति सही नहीं थी। वेंटिलेटर से हटाया नहीं जा सकता था। वेंटिलेशन के साथ ही उसे एसीयू में शिफ्ट कर पूरी प्रक्रिया और तत्परता के साथ उसका उपचार चल रहा था। आज मौत होने के बाद उसके परिजनों ने एक वेंटिलेटर, मॉनिटर, इसीजी मशीन सहित कई जीवनरक्षक उपकरण तोड़ दिया है।