शीतलहर में नवजात और बच्चों का रखें खास ख्याल, बहुत कारगर है कंगारू मदर केयर विधि

शीतलहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है।

By Edited By: Publish:Sat, 28 Dec 2019 01:44 AM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 10:25 AM (IST)
शीतलहर में नवजात और बच्चों का रखें खास ख्याल, बहुत कारगर है कंगारू मदर केयर विधि
शीतलहर में नवजात और बच्चों का रखें खास ख्याल, बहुत कारगर है कंगारू मदर केयर विधि

वाराणसी, जेएनएन। शीतलहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है। इस मौसम में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही परेशानी का सबब बन सकती है। ऐसे में नवजात और पांच वर्ष तक के बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एंड एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. राहुल कुमार ने बताया कि कड़ाके की ठंड के बीच बच्चों में सर्दी, खासी व बुखार का असर देखने को मिल रहा है। बच्चे तेजी से न्यूमोनिया (निमोनिया) की चपेट में आ रहे हैं। निमोनिया के साथ ही बच्चों में ठंड के कारण कोल्ड डायरिया (दस्त) के भी लक्षण देखे जा रहे हैं। कहा निमोनिया का संक्रमण ठंड बढ़ने से शिशुओं में जकड़न, बुखार, ब्रोंकाइटिस (गले में संक्रमण) की संभावना बढ़ जाती है।

शिशुओं को पहले सर्दी, जुकाम, गले में खरास आदि होने के एक दिन बाद सांस का तेज गति के आवाज के साथ चलना, नाक का फड़फड़ाना, बदन का नीला पड़ना, शरीर व पेट में दर्द होना, बैचेनी होना, ऑक्सीजन की कमी के कारण लगातार दौरा पड़ना और अंत में शरीर में जकड़न आना आदि इसके लक्षण हैं। जिन नवजातों की है पहली सर्दी - डा. राहुल के मुताबिक जो बच्चे अभी हाल ही जन्में हैं, उनके अभिभावकों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है। कमरे का तापमान 20-30 डिग्री रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इसमें घुटन न होने पाये। बच्चे को टोपी, दस्ताने, मोजे पहनाकर रखें। नवजात शिशु मे गर्म होने की क्षमता कम होती है क्योंकि इनमे वसा की मात्रा कम होती है।

बहुत कारगर है कंगारू मदर केयर विधि

- डा. राहुल ने बताया कि जैसे कंगारु अपने बच्चे को गर्माहट देकर उसकी आधी तकलीफें दूर करता है, ठीक वैसे ही मां अपने नवजात को अपनी छाती से चिपकाकर उसे गर्माहट दे। इससे बच्चे का तापमान सामान्य रहता है और कई समस्याएं खुद ही हल हो जाती हैं। यह विधि घर का कोई भी व्यस्क कर सकता है। 28 दिन लगातार करने पर यह बहुत कारगर साबित होगा। इसे प्रतिदिन 30 मिनट के लिए दिन में चार से पांच बार किया जा सकता है।

निमोनिया से बचाव

-निमोनिया से बचाव के लिए नवजात शिशु और बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं। बच्चों के हाथों में दस्ताने, पैरों में मोजे और कानों को हमेशा ढक कर रखें। बच्चों को उल्टी, दस्त व बुखार होने पर बिना समय गवाएं अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर चिकित्सक या विशेषज्ञ को दिखाएं। चिकित्सक के बताए अनुसार जाच कराएं, जिससे निमोनिया होने या ना होने का पता चल सके। साथ ही निमोनिया से बचाव के लिए टीका भी लगवाएं। डा. राहुल के अनुसार ठंड के मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। छह माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान कराएं, क्योंकि मां का दूध शिशु की सभी जरूरतों को पूरा करता है। इस दौरान बच्चे को कुछ भी बाहर का न खिलाएं। इससे संक्रमण का खतरा रहता है। मां को खांसी-जुकाम हो तो अपने मुंह पर कपड़ा रखकर ही बच्चे को स्तनपान कराए।

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