मीरजापुर में विभागीय मिलीभगत से अवैध खनन की भेंट चढ़ रही विंध्य क्षेत्र की मनोरम पहाड़‍ियां

मीरजापुर में विंध्य की धरा अपने पहाड़ी सौंदर्य के लिए जानी जाती है लेकिन खनन विभाग की लापरवाही के कारण अब यह उजडऩे लगी है। जिले के हर क्षेत्र में बेरोक-टोक पहाडिय़ों पर ब्लास्ट कर उन्हें उजाडऩे का काम किया जा रहा है।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:30 AM (IST)
मीरजापुर में विभागीय मिलीभगत से अवैध खनन की भेंट चढ़ रही विंध्य क्षेत्र की मनोरम पहाड़‍ियां
मीरजापुर में विंध्य की धरा अपने पहाड़ी सौंदर्य के लिए जानी जाती है।

मीरजापुर, जेएनएन। विंध्य की धरा अपने पहाड़ी सौंदर्य के लिए जानी जाती है, लेकिन खनन विभाग की लापरवाही के कारण अब यह उजडऩे लगी है। जिले के हर क्षेत्र में बेरोक-टोक पहाडिय़ों पर ब्लास्ट कर उन्हें उजाडऩे का काम किया जा रहा है। सरकारी कागजों पर 210 खनन पट्टे अलाट किए गए हैं, लेकिन हकीकत में कम से कम 500 स्थानों पर खनन किए जा रहे हैं। दिन-रात हो रहे ब्‍लास्टिंग कर खनन करने से पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंच रहा है और जनपद की सुंदरता भी खत्म हो रही है। यही हाल रहा तो कुछ वर्षों में यह वादियां भी गायब हो जाएंगी।

कुछ वर्षों पहले विंध्य क्षेत्र अपनी हरी-भरी वादियों के लिए देशभर में मशहूर था। मध्य प्रदेश की सीमा से सटे प्रयागराज व काशी के मध्य स्थित मां विंध्यवासिनी के क्षेत्र में शेरों की दहाड़ गूंजती थी। विंध्य पहाड़ों की वादियां व सुंदर वन लोगों को आकर्षित करते थे। इसी वजह से यहां चुनारगढ़, विजयपुर सरीखे इलाकों में महर्षियों ने धुनी रमाई। इसके बाद पहाड़ों पर लगातार ब्लास्टिंग से इसका प्राकृतिक सौंदर्य नष्ट होने लगा और वर्ष 1920 के बाद से जीव-जंतु यहां से पलायन कर मध्य प्रदेश के जंगलों में जाने लगे। इस पर प्रशासनिक पाबंदी व देखरेख के अभाव में अहरौरा, मडि़हान, चुनार, राजगढ़, हलिया, लालगंज, छानबे आदि इलाकों में पहाड़ों पर कुछ वैध तो कई अवैध खनन को दिन-रात ब्लास्टिंग की जा रही है।

खनन कार्य तेज होने से इन इलाकों में पहाड़ खाइयों में तब्दील होते जा रहे हैं। खाइयों में पानी भरने से अक्सर हादसे भी होते रहते हैं। इन अवैध खनन पर रोक नहीं लगने से हरी-भरी वादियां उजड़ती जा रही हैं।

जंगलों में मिलती थी औषधि

जनपद के हलिया, मडि़हान, लालगंज, अहरौरा, पडऱी, चुनार आदि जंगली इलाकों में कई औषधियां मिलती थीं। खास तौर से तेजपत्ता, लौंग, चिरौजी, लाची समेत कई औषधि मिली हैं लेकिन अब ये खत्म होती जा रही हैं।

तीन को अनुमति, दो दर्जन लोग कर रहे ब्लास्ट

जनपद के पहाड़ों में ब्लास्टिंग करने की अनुमति मात्र तीन लोगों को है। इसमें दो सोनभद्र और एक मीरजापुर के व्यक्ति शामिल हैं, लेकिन वर्तमान समय में एक दर्जन से अधिक लोग अहरौरा, मडि़हान, चुनार, राजगढ़, डगमगपुर आदि इलाकों में बिना अनुमति के ब्लास्टिंग कर रहे हैं।

107 क्रशर व कटर प्लांट में 12 कर रहे नियमों का पालन

जनपद में 107 क्रशर व कटर प्लांट है। इसमें से 12 प्लांटों के मालिक पर्यावरण के नियमों का पालन कर रहे हैं। शेष किसी ने प्रदूषण फैलने पर रोक लगाने के लिए कोई काम नहीं किया है। ऐसे में प्लांटों से उड़ रहे डस्ट के कारण अब तक 30 टीबी व दमा के रोगी पाए जा चुके हैं।

बोले अधिकारी

प्राकृतिक सौंदर्य बचाने के लिए अवैध खनन व पेड़ों की कटाई को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इनके विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एसडीएम, सीओ एवं स्थानीय पुलिस के नेतृत्व में टीमें बनाई गई हैं। - यूपी सिंह जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व। 

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