पंचायत राज निदेशक का आदेश, त्र‍िस्‍तरीय पंचायतों की तैयार होगी समग्र विकास की कार्ययोजना

जीपीडीपी बनाने में पंचायतों की अहम भूमिका होगी। इस योजना में खास तौर पर यह फोकस किया जाना है कि लोगो की आर्थिक स्थिति कैसे सुदृढ हो। सिर्फ नाली खड़ंजा आवास समेत अन्य निर्माण तक ही इसे सीमित नहीं किया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 12:14 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 12:14 PM (IST)
पंचायत राज निदेशक का आदेश, त्र‍िस्‍तरीय पंचायतों की तैयार होगी समग्र विकास की कार्ययोजना
जीपीडीपी बनाने में पंचायतों की अहम भूमिका होगी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पंचायती राज अनुभाग ने अब त्र‍िस्‍तरीय पंचायत की समग्र विकास योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) , क्षेत्र पंचायत की ओर से ब्‍लाक पंचायत विकास योजना (बीपीडीपी) तथा जिला पंचायत की ओर से जिला पंचायत विकास योजना (डीपीडीपी) तैयार की जाएगी। पंचायतें 31 जनवरी तक बैठक कर ग्राम पंचायत की संरचानात्‍मक, आर्थिक एवं मानव विकास के सूचकांकों के आधार पर पाए गए क्रिटिकल गैप के आधार पर वार्षिक योजना बनाएगी। अधिकारी इसकी मानिटरिंग करेंगे। इसी प्रकार ब्‍लाक व जिला पंचायत स्‍तर पर भी वार्षिक योजना तैयार होगी।

पंचायतों की अहम भूमिका : जीपीडीपी बनाने में पंचायतों की अहम भूमिका होगी। इस योजना में खास तौर पर यह फोकस किया जाना है कि लोगो की आर्थिक स्थिति कैसे सुदृढ हो। सिर्फ नाली, खड़ंजा, आवास समेत अन्य निर्माण तक ही इसे सीमित नहीं किया गया है। इसलिए खुली बैठक कर इस पर मंथन करने पर विशेष बल दिया गया है। हर कार्य के अगले चरण पर कार्य को बल दिया जाना है। इसका आशय यही है कि किसी गांव में स्कूल है तो अब उसे अपडेट करने की प्लानिंग बनेगी। किसी गली की सड़क बन गई है तो उसके रखरखाव की प्लानिंग बननी है। गांव के लोग स्वयं अपनी आवश्यकता बताएंगे।

अधिकारी बनाएंगे कार्ययोजना : ग्राम, ब्‍लाक व जिला पंचायत की कार्ययोजना स्थानीय जनप्रतिनिधि के विचार के क्रम में अधिकारी ड्राफ्टिंग करेंगे। बताया जा रहा है इस कार्ययोजना को अंतिम रूप जिला योजना की बैठक में मिलेगा। इसके बाद इसी के आधार पर संबन्धित विभाग अपने निदेशालय से इसे अप्रूव कराएंगे। इसके बाद शासन से बजट जारी होगा। पंचायतें प्राथमिकता के आधार पर कार्यों को जमीन पर आकार देने में जुटेगी। इसके बाद प्रदेश में पंचायतों में विकास कार्यों का भी दायरा और बढ़ेगा। इससे रोजगार सृजन के साथ ही विकास परियोजनाएं भी आकार पाएंगी। 

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