Panchayat Elections in Varanasi : पंचायत चुनाव में अपने हो जाते हैं बेगाने, एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे चुनाव

Panchayat Elections in Varanasi पंचायत चुनाव में दोंनों ऐसी प्रतिद्वंद्विता होती है कि एक-दूसरे को देखना नहीं चाहते हैं। कुछ स्थानों पर पंचायत चुनाव बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है लेकिन कई स्थानों पर खून की होली भी होती है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 07:50 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 07:50 AM (IST)
Panchayat Elections in Varanasi : पंचायत चुनाव में अपने हो जाते हैं बेगाने, एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे चुनाव
चाहे खेल का मैदान हो या राजनीतिक क्षेत्र। दोनों में एक की हार और दूसरे जीत पक्की होती है।

वाराणसी, जेएनएन। चाहे खेल का मैदान हो या राजनीतिक क्षेत्र। दोनों में एक की हार और दूसरे जीत पक्की होती है। जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मगर पंचायत चुनाव अन्य चुनावों की अपेक्षा काफी कठिन होता है। यहां पार्टी प्रत्याशी से नहीं, बल्कि अपनों से लड़ाई होती है। भाई-भाई, पिता-पुत्र, भाभी-देवर, जेठानी-देवरानी, सास-बहू, चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं। पंचायत चुनाव में दोंनों ऐसी प्रतिद्वंद्विता होती है कि एक-दूसरे को देखना नहीं चाहते हैं। कुछ स्थानों पर पंचायत चुनाव बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है, लेकिन कई स्थानों पर खून की होली भी होती है।

पंचायत चुनाव अंतिम चरण में है। जिला प्रशासन मतदान कराने की तैयारी में जोरों से जुटा है, तो जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रत्याशी अपने पक्ष में मतदान कराने को। वे अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए विकास की गंगा बहाने की बात कर रहे हैं। क्षेत्र के विकास और अधूरे कार्यों को पूरा करने का दावा कर रहे हैं। यदि कोई मतदाता अपनी समस्या बता रहा है तो उसे पंचायत चुनाव जीतने के बाद पूरा करने का वादा कर रहे हैं। पूर्व और निर्वतमान जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य की पोल खोलने और आरोप लगाने से प्रत्याशी पीछे नहीं हट रहे हैं। यदि वही चुनाव मैदान में हैं तो विकास का दावा करते हुए अधूरे कामों को जीतने के साथ पूरा करने का भरोसा दिला रहे हैं। यदि परिवार का कोई सदस्य चुनाव मैदान में है तो प्रत्याशी के सुर बदल जा रहे हैं, क्योंकि पूर्व चुनाव में उन्होंने परिवार के सदस्य की मदद की थी। अब यह आरोप लगा रहे हैं कि जिस विश्वास और भरोसे से हमने मदद की थी, उस पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने जनता के साथ मुझे भी धोखा दिया है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पिछले चुनाव में हमने जो वादा किया था उसे हरहाल में पूरा करूंगा।

जेठानी दे रही देवरानी को टक्कर

हरहुआ विकास खंड में ग्राम प्रधान पद के लिए ग्राम पंचायत औरा में जेठानी विद्योत्मा देवी अपनी देवरानी पार्वती देवी को टक्कर दे रही हैं। तेवर ग्राम पंचायत में देवर शशिकांत सिंह का मुकाबला भाभी शशिकला से है। इसी ग्राम पंचायत में संजय पांडेय और राजेश पांडेय सगे भाई है। दोनों एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। पुआरी कला ग्राम पंचायत में सास सीता देवी के सामने बहु नीलम पटेल है। सेवापुरी विकास खंड के बरेमा ग्राम पंचायत में भी सगे भाई चतुरी राम और छोटे भाई बनारसी राम एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।

मां के खिलाफ मैदान में पुत्र

चोलापुर विकास खंड के ग्राम पंचायत बंसरी में प्रधान पद के लिए पिता राम प्रसाद के सामने पुत्र प्रमोद ताल ठोक रहे हैं। मुरली ग्राम पंचायत में मां उषा यादव के सामने पुत्र अभिषेक यादव मैदान में है। हरदासीपुर ग्राम पंचायत में पिता शिव शंकर यादव के सामने पुत्र मुकुंद यादव चुनाव लड़ रहे हैं।

chat bot
आपका साथी