खेती किसानी : पीली होने के बाद लाल होने लगीं धान की पत्तियां, खरीफ की फसल पर बढ़ा संकट

धान की फसल में लगी फंगल बीमारियों के चलते किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पुरुआ हवा के चलते धान की फसल में फंगल रोग लगते हैं। किसान कीटनाशकों के छिड़काव से फसल बचा सकते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:31 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:34 PM (IST)
खेती किसानी : पीली होने के बाद लाल होने लगीं धान की पत्तियां, खरीफ की फसल पर बढ़ा संकट
धान की फसल में लगी फंगल बीमारियों के चलते किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

आजमगढ़, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में अब धान की फसल में लगी फंगल बीमारियों के चलते किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पुरुआ हवा के चलते धान की फसल में फंगल रोग लगते हैं। किसान कीटनाशकों के छिड़काव से फसल बचा सकते हैं। इसकी वजह से फसल को होने वाला नुकसान भी बच जाता है। 

विगत कुछ दिनों से चल रही पुरआ हवा के कारण धान की फसल में फंगल बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। इसके चलते धान की पत्तियां पहले ऊपर से पीली पड़ना शुरू हुई थीं, अब वही पत्तियां लाल होना शुरू हो गई हैं। फंगल बीमारियों के चलते किसानों को काफी नुकसान होता है। क्षेत्र के किसान कृष्णकुमार यादव, रामकुमार यादव, अच्छेलाल, चन्द्रभान, दीपक प्रजापति, हरिराम यादव, अशोक कुमार, विनोद कुमार आदि का कहना है कि अब पत्तियां पीली से लाल होना शुरू हो गई हैं। यदि यही हाल रहा तो धान के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इस वर्ष धान की फसल काफी अच्छी थी, लेकिन रोग को देखते हुए अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ती जा रही हैं।

धान की फसल में फंगल बीमारियां ऐसे समय पर लग रही हैं जब धान में बालियां निकलनी शुरू हो गई हैं। कृषि विशेषज्ञ केशव प्रसाद ने बताया कि यह समस्या हर साल पुरुआ हवा के चलने के कारण होती है। इस साल बारिश से इसमें राहत मिल सकती है। जिन किसानों की फसलों में यह रोग लगा है उन्हें मेंकोजेब के साथ ही मोनोक्रोटोफास में यूरिया मिलाकर स्प्रे करने से निजात मिल सकती है। किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। समय से दवाओं का छिड़काव कर फसलों को बचाया जा सकता है।

मेंहनगर क्षेत्र के किसान धान में रोग को लेकर परेशान हैं।धान के पौधे का ऊपरी सिरा पीला पड़कर सूख रहा है।गौरा गांव के किसान त्रिभुवन सिंह, राज बहादुर सिंह, राधेश्याम सिंह, अरुण सिंह और मनोज सिंह ने बताया कि अगर यही स्थिति रही तो धान की फसल घर तक नहीं पहुंच पाएगी। राजकीय कृषि भंडार के प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि रोग के प्रसार को रोकने के लिए दवाओं का छिड़काव किया जाना चाहिए। 

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