आजमगढ़ जिले में 34 गोशाला पर बनाया जाएगा 'पुआल बैंक', खेत में जलाने की जगह एकत्रित होगी पराली

खेतों की पराली का समाधान आखिरकार प्रशासन ने निकाल ही लिया है। अब किसानों को पराली को खेतों में जलाने की जरूरत नहीं है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 06:33 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 07:45 AM (IST)
आजमगढ़ जिले में 34 गोशाला पर बनाया जाएगा 'पुआल बैंक', खेत में जलाने की जगह एकत्रित होगी पराली
आजमगढ़ जिले में 34 गोशाला पर बनाया जाएगा 'पुआल बैंक', खेत में जलाने की जगह एकत्रित होगी पराली

आजमगढ़ [जयप्रकाश निषाद]। खेतों की पराली का समाधान आखिरकार प्रशासन ने निकाल ही लिया है। अब किसानों को पराली को खेतों में जलाने की जरूरत नहीं है। प्रशासन की तरफ से जनपद के सभी गोशालाओं पर पुआल बैंक स्थापित किया जाएगा। इस पुआल बैंक में अधिक से अधिक किसान अपनी पराली जमा कर सकते हैं। इसके लिए प्रशासन की तरफ से लगी टीम गांवों में जाकर किसानों से पराली लेगी और पुआल बैंक में रख देगी। यह पुआल गोशाला के पशुओं के चारे के काम आएगा ही साथ ही साथ जरूरतमंद लोगों को दिया भी जाएगा। अधिक होने पर दूसरे रूप से इसका इस्तेमाल किया जाएगा। 

धान की फसल को कंबाइन मशीन से कटवाकर तमाम किसान उसे खेत में जला देते हैं। धान के ठंडल जलाने से धुएं आसमान में घुलते हैं। इसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ जाता है। हालात यह होती है कि लोग तमाम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। दमा व सांस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ठंडलों के जलाने पर धान को प्रभावित करने वाले कीट भी जहां नष्ट होते हैं वहीं किसानों के सहायक केचुए आदि भी मरते हैं। लाख कोशिशों के बावजूद पराली जलाने का सिलसिलापूरी तरह से रुक नहीं रहा है। इसकी वजह से पूरे वातावरण में जहर घुलता जा रहा है। इसके लिए प्रशासन की तरफ से अर्थदंड भी घोषित किया गया है लेकिन किसान नहीं मान रहा है। ऐसे में जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह सभी गोशाला पर पुआल बैंक स्थापित करने का निर्देश दिया है। ताकि किसानों का पुआल यहां सुरक्षित रखा जा सके। यह पुआल ठंड में लोगों के बिछाने के भी काम आता है। जिलाधिकारी की पहल पर पशुपालन विभाग इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। 

बोले अधिकारी : जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी पशुपालन अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र की गोशाला पर पुआल बैंक स्थापित करें। आस-पास के किसानों से निश्शुल्क पुआल लेकर यहां एकत्रित करें ताकि पशुओं के चारे के काम आ सके। इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को भी दिया जा सके। -बीके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी 

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