वाराणसी के राजातालाब पेरिशेबल कार्गो व्‍यापारियों के लिए बना आक्सीजन, फल-सब्‍जी का किराया रोजाना दस पैसे प्रतिकिलो

पेरिशेबल कार्गो का उद्घाटन 2018 में स्थानीय किसानों व्यापारियों के हित को देखते हुए किया गया।यहां400 मीट्रिक टन की क्षमता के लिए 100-100 मीट्रिक टन के अलग अलग चार चेम्बर बने हुए हैं।यहां फल और सब्जी रखने के लिए मात्र एक रूपये महीना किराया रखा गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:44 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:44 PM (IST)
वाराणसी के राजातालाब पेरिशेबल कार्गो  व्‍यापारियों के लिए बना आक्सीजन, फल-सब्‍जी का किराया रोजाना दस पैसे प्रतिकिलो
वाराणसी में राजातालाब पेरिशेबल कार्गो में स्टोर इजिप्ट से आया वालेंसिया ऑरेंज ( माल्टा)

वाराणसी रवि पांडेय। पेरिशेबल कार्गो राजातालाब स्थानीय फल व्यापारियों के लिए कोरोना काल में आक्सीजन का काम कर रहा है।कोरोना संक्रमण के कारण बाहर की मंडियों में निकलने से व्यापारी डर रहे हैं। ऐसे समय में पेरिशेबल कार्गो राजातालाब, कछवां, रोहनिया, जंसा, कपसेठी के स्थानीय व्यापारियों ने किफायती किराए पर फल और सब्जियों का स्टोर किया है।फल व्यवसायी मनोज गुप्ता और सुरेश ने बताया कि सीजन में ही फल को लाकर स्टोर कर देते हैं । यहां मात्र एक रुपये प्रति किलो महीना किराया देना पड़ता है लेकिन फल और सब्जी फ्रेश रहता है।

पेरिशेबल कार्गो के कर्मचारी हरेंद्र कुमार ने बताया कि यहां 55 मीट्रिक टन फल और सब्जी किसानों तथा व्यापारियों के रखे हैं ।45 मीट्रिक टन फलों में सबसे ज्यादा इजिप्ट(विदेश) से आया वालेंसिया ऑरेंज(माल्टा ) करीब 15 मीट्रिक टन है।इसके अलावा सेब ,केला , अंगूर ,अनार सहित अन्य फल रखे गए हैं।सब्जियों के दाम गिरने के कारण किसानों ने बैगन, नेनुआ, करेला, टमाटर, परवल इत्यादि ज्यादा मात्रा में रखा है। राजातालाब और कछवां में बड़ी सब्जी मंडी होने के कारण किसान यहां सब्जी कम रखते हैं। फल और सब्जी मिलाकर कुल करीब 50 से ज्यादा किसान और व्यापारियों ने स्टोर किया है।

चार चेम्बर में 400 मीट्रिक टन की क्षमता ,किराया मात्र एक रुपये महीना

पेरिशेबल कार्गो का उद्घाटन 2018 में स्थानीय किसानों व्यापारियों के हित को देखते हुए किया गया। यहां400 मीट्रिक टन की क्षमता के लिए 100-100 मीट्रिक टन के अलग अलग चार चेम्बर बने हुए हैं।यहां फल और सब्जी रखने के लिए मात्र एक रुपया महीना किराया रखा गया है। यही नहीं जो किसान कम दिनों के लिए सब्जी रखना चाहते हैं उन्हें मात्र 10 पैसे किलो प्रतिदिन का किराया देना पड़ता है।पिछले दो सालों से कोरोना के कारण किसानों और व्यापारियों को प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान न चलाने के कारण ज्यादा लोग नहीं जुड़ पा रहे हैं। यहां से फल और सब्जियां विदेश भेजी जाती हैं।

इम्युनिटी के साथ ही कफ और सर्दी जुकाम से देता है राहत

वालेंसिया ऑरेंज (माल्टा के नाम से यहां प्रचलित ) संतरे की प्रजाति का एंटी ऑक्सीडेंट और शक्तिवर्धक फल है।संतरे की जगह इसको प्रयोग किया जाता है जिसका उत्पादन मॉर्च से जून तक होता है। इजिप्ट देश की प्राइम फ़ूड एग्रीकल्चर इन्वेस्टमेंट नामक कंपनी इसे भारत भेजती है। इसका रस ही नहीं बल्‍की छिलका भी काफी कारगर है।कोरोना के समय में यह फल बहुत ही उपयोगी है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में इम्युनिटी बढ़ने के साथ ही कफ कम करने व सर्दी जुकाम से काफी राहत मिलती है। इस फल के सेवन से त्वचा चममदार और दिल भी दुरुस्त रहता है। इसके सेवन से गुर्दे की पथरी दूर होती है। इसके छिलके से तैयार पावडर का प्रयोग करने से त्वचा में काफी निखार आता है तथा तेल भी बहुत फायदेमंद है। उच्च कोलस्ट्रोल , उच्च रक्तचाप , प्रोस्टेड कैंसर में भी यह फल काफी फायदेमंद और असरदार होता है।

chat bot
आपका साथी